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Rudraprayag postman Ganesh Goswami letter to baba Kedar
Image : social media ( Rudraprayag postman Ganesh Goswami)

UTTARAKHAND NEWS

रुद्रप्रयाग: डाकिया ने 16 किलोमीटर पैदल चल 7 वर्षीय बच्ची का पत्र पहुंचाया बाबा केदार तक….

Rudraprayag postman Ganesh Goswami   : डाकिया ने 16 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाया 7 साल की मिष्टी का पत्र बाबा केदार तक, डाक विभाग ने बनाई डॉक्यूमेंट्री, सोशल मीडिया पर हो रही वायरल..

Rudraprayag postman Ganesh Goswami letter to baba Kedar  : उत्तराखंड समेत देशभर में आज भी ऐसे कई सारे दूरस्थ गांव मौजूद है जहां पर संदेश देने के लिए लोग डाकिया तक अपनी चिट्ठी पहुंचाते हैं वही डाकिया की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डाकिया सुख-दुख के पत्रों को कैसे उनके सगे संबंधियों तक चाहता है। ऐसा ही कुछ अनोखा पत्र देखने को मिला रुद्रप्रयाग जिले की एक 7 साल की बच्ची मिष्टी का जिसने अपने दादा की बीमारी को लेकर बाबा केदार के नाम पर एक पत्र लिखा था जिसे पोस्टमैन गणेश गोस्वामी ने 16 किलोमीटर पैदल चलकर बाबा केदार तक पहुंचाया। इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग ने एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है जो सोशल मीडिया पर लोगों को खूब पसंद आ रही है।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड हाईवे पर केदारनाथ के मुख्य पड़ाव मुनकटिया की निवासी 7 साल की मिष्टी के दादा बहुत बीमार होते हैं जिसके चलते चिकित्सक भी उनके ठीक होने की उम्मीद बाबा केदार पर छोड़ देते हैं तब स्वयं मिस्टी भगवान केदारनाथ के नाम पर एक पत्र लिखती है जिसमे वो अपने दादा के जल्द स्वस्थ होने की कामना भगवान केदार से करती हैं । पत्र लिखने के बाद मिष्टी अपने गांव में लगी डाक विभाग की पत्रपेटी में इसे डाल देती है और दूसरे दिन जब यह पत्र गौरीकुंड स्थित डाकघर में पहुंचता है तो वहां पर पोस्टमास्टर गणेश गोस्वामी पत्रपेटी से सभी डाक निकालते हैं और वितरण के लिए इन्हें छांटते हैं तभी उन्हें एक अनोखा पोस्टकार्ड नजर आता है जो एक बच्ची ने भोलेनाथ बाबा केदार के लिए लिखा हुआ था जिसे पढ़कर वो भावुक हो गए और उन्होंने बच्ची की प्रार्थना को सर्वोपरि मानते हुए केदारनाथ रवाना होने का फैसला किया।

16 km का सफर तय कर पहुंचा बच्ची का पत्र

इतना ही नही बल्कि गणेश गोस्वामी 16 किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचते हैं जहां पर वो सीधे मंदिर परिसर में भगवान केदारनाथ के सेवक नंदी महाराज के चरणों में बच्ची के लिखे पोस्टकार्ड को रखकर उसके दादा के ठीक होने की प्रार्थना करते हुए वापस धाम से लौट आते हैं। इसके कुछ दिन बाद मिस्टी के घर पर एक पत्र आता है जिसमें लिखा था तुम्हारे दादू जल्द ठीक हो जाएंगे तुम खुद का भी ध्यान रखना तुम्हारे भोलेनाथ जी। कुछ समय बाद मिस्टी के दादा स्वस्थ हो जाते हैं और वह अब अपने दादा के साथ खूब खेल रही है।

वर्ष 2024 में बनी डॉक्यूमेंट्री

गौरीकुंड डाकघर के पोस्टमास्टर-पोस्टमैन गणेश गोस्वामी बताते हैं सितंबर 2024 में यह लघु फिल्म भारतीय डाक विभाग के दिल्ली कार्यालय से बनाई गई थी। जिसमे लघु फिल्म का मुख्य उद्देश्य आस्था, भक्ति के साथ डाक विभाग की जिम्मेदारी को बताना था । वह स्वयं दुर्गम क्षेत्र में निवास करते हैं, तो समझते हैं कि किसी के लिए डाकघर में आने वाला पत्र कितने मायने रखता है।

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