Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

उत्तराखण्ड बुलेटिन

प्रसव पीड़ा से कराहते हुए 6 किमी पैदल दुर्गम पहाड़ी रास्ते से चली गर्भवती, इसके बाद मिली एंबुलेंस





उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों की स्थति इतनी दयनीय हो चुकी है, की जो पहाड़ की नारी सब पे भारी कही जाती थी वही अपने को आज लाचार और बिबस सा महसूस कर रही है।उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओ की समस्याएं बढ़ती जा रही है,कुछ दिनों पहले ही बागेश्वर जिले की कुंवारी क्षेत्र की गर्भवती अनीता की प्रसव पीड़ा की दास्तां भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी। अभी दो दिन पहले ही उत्तराकशी के रस्टाड़ी कंडाऊ गांव की एक गर्भवती महिला को खासे जोखिम के साथ नौगांव अस्पताल लाया गया था। अब बृहस्पतिवार को फिर इसी गांव में एक अन्य महिला ललिता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाने का संकट खड़ा हो गया।





बृहस्पतिवार को उत्तराकशी में नौगांव ब्लाक के रस्टाड़ी कंडाऊ गांव से एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा झेलते हुए छह किमी का जोखिम भरा पैदल रास्ता तय कर अस्पताल पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिले में अब भी करीब डेढ़ सौ से अधिक गर्भवती महिलाएं दूरस्थ गांवों में ऐसी जिंदगी जीने को मजबूर है। गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराई गई पालकी/डोली तो थी, पर गांव का पैदल रास्ता इतना दुर्गम और बेहाल स्थति में था की गर्भवती महिला को पालकी पर सड़क तक नहीं लाया जा सका। ऐसे में इस महिला को प्रसव पीड़ा से कराहते हुए छह किमी की दुर्गम दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी। हालांकि इसके बाद सड़क पर 108 आपात एंबुलेंस के पहुंचने पर उसे नौगांव अस्पताल लाया गया, जहां सुरक्षित प्रसव होने पर परिजनों की साँस में साँस लोटी।





उत्तराकशी में अब भी करीब डेढ़ सौ से अधिक गर्भवती महिलाएं दूरस्थ गांवों में कैद हैं। ऐसे में उनकी और गर्भ में पल रहे अजन्मे शिशुओं की जान का खतरा बना हुआ है। बता दे की रस्टाड़ी कंडाऊ गांव से पहुंची महिला का अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया गया। जहाँ पर जच्चा -बच्चा दोनों सुरक्षित है।जनपद में अधिकांश लिंक मोटर मार्ग और गांवों के पैदल रास्ते बदहाल पड़े हैं। बरसात के दौरान इनकी स्थिति और भी विकट हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने मानसून से पहले ही दुर्गम गांवों में सर्वे कराकर गर्भवती महिलाओं को चिह्नित तो किया, लेकिन इनके सुरक्षित प्रसव के कोई इंतजाम नहीं किया गया। अगर ऐसी ही बदहाली और दयनीय स्थति रही पहाड़ी क्षेत्रों की तो आगे होने वाले पलायनो को कोई नहीं रोक सकता है ।

Continue Reading
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड बुलेटिन

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top