देहरादून के आईएमए से 382 जांबाज अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं। जबकि मित्र राष्ट्रों के 77 कैडेट्स पासआउट हुए हैं। इस दौरान इन युवा अफसरों के परिजन भी इस गौरवशाली पल के लिए आईएमए में मौजूद रहे। देहरादून आईएमए से पासआउट जालंधर के जुड़वा बेटे अभिनव और परिनव ने सेना में अफसर बनकर आइएमए में इतिहास रच दिया है। बता दे की परिनव और अभिनव साथ जन्मे, साथ पढ़े और साथ ही अफसर भी बन गए। एक साथ देश सेवा के लिए खुद को समर्पित करने वाले जुड़वा भाई आईएमए से पासआउट हैं। आइएमए के अफसरों के अनुसार अभी तक भाई, बहन, चचेरे भाई तो अफसर बने, मगर, जुड़वा भाई एक साथ अफसर नहीं बने हैं। जुड़वा भाई की यह मिसाल न केवल परिवार के लिए बल्कि देश के लिए भी अनूठी है। कुछ ऐसी ही कहानी है जालंधर के रहने वाले दो जुड़वां भाइयों की। जो शनिवार को एकसाथ सेना में अफसर बने। सबसे खाश बात तो ये रहे की परिनव पाठक और अभिनव पाठक के रिजल्ट भी लगभग एक जैसे ही आए।
दोनों भाईयों के जन्म में 2 मिनट का फर्क: मूल रूप से अमृतसर और वर्तमान में जालंधर कुंज में रह रहे अशोक पाठक और मंजू पाठक के जुड़वा बेटे सेना में अफसर बने हैं। पासिंग आउट परेड में बेटों के कंधे पर जब परिजनों ने अफसर बनने के सितारे लगाए तो खुशी से उनके आंसू छलक गए। दोनों ने 10वीं और 12वीं में जहां 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए। वहीं, बीटेक भी 80 से अधिक प्रतिशत के साथ पास किया। जालंधर से इंटर करने के बाद अभिनव ने कंप्यूटर साइंस (सीएसई) तथा परिनव ने मैकेनिकल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पिता अशोक ने कहा कि ऊपर वाले ने अब सब कुछ दे दिया है। बेटे देश की सेवा करेंगे, इससे ज्यादा अब कुछ नहीं चाहिए। अशोक बताते है की परिनव अभिनव से दो मिनट बड़े है ,और बचपन से ही दोनों बेटो में फौज में जाने का जज्बा था।