Unlock 5.0: उत्तराखण्ड में अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन की आम सहमति से खुलेंगे स्कूल( Uttarakhand Schools), एक सप्ताह में सबकी राय जानकर जिलाधिकारी सौंपेंगे रिपोर्ट..
उत्तराखण्ड सहित पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से अनलाक की प्रक्रिया गतिमान है, धीरे-धीरे सभी चीजों पर लगी रोक को हटाया जा रहा है। अनलाक-5(Unlock 5.0) आते-आते अब सरकार ने जहां स्विमिंग पूल, सिनेमा हॉल, थियेटर खोलने को सशर्त अनुमति दे दी है वहीं सभी राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों को भी संचालित करने की मंजूरी सरकार की ओर से मिल गई है। लेकिन बात जब स्कूल कालेजों की आ रही है तो ना तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोई कदम उठाना चाह रही है और ना ही अभिभावकों अपने बच्चों को किसी खतरे में डालना चाहते हैं। कुल मिलाकर जहां अभिभावकों को अपने बच्चों की सेहत की फ्रिक है तो वहीं सरकार अभिभावकों के मूढ़ को देखते हुए कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही है, जिससे उसे अभिभावकों के विरोध का सामना न करना पड़े। इस बात का अंदाजा राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय के बयान से भी लगाया जा सकता है जिन्होंने प्रत्येक जिलाधिकारी, शिक्षाधिकारी को स्कूल(Uttarakhand Schools) खोलने या ना खोलने के विषय में अभिभावकों के विचार जानने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही शिक्षकों की राय भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शिक्षा मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि जिलाधिकारी की ओर से एक सप्ताह में प्राप्त रिपोर्ट में यदि आम सहमति बनी तो ही स्कूल खोला जाएगा
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आम सहमति बनने पर कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव, जिसके बाद ही तीन चरणों में खोले जाएंगे स्कूल
राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड में अभी स्कूल नहीं खोले जाएंगे। इस विषय में सरकार कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेगी बल्कि यह फैसला अभिभावकों, विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों से बातचीत कर आम सहमति से लिया जाएगा। जिसके लिए प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी सभी पक्षों खासकर अभिभावकों की राय जानकर अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे। जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद तथा स्वास्थ्य विभाग से चर्चा कर आवश्यकतानुसार स्कूल खोलने पर ही निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री के आदेश पर राज्य की शिक्षा सचिव मिनाक्षी सुंदरम ने गुरुवार को सभी जिलाधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिलाधिकारी की रिपोर्ट में यदि स्कूलों को खोलने के पक्ष में आम सहमति जताई जाती है तो ही स्कूलों को खोलने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। जिसके बाद ही सरकार इस विषय में कोई फैसला लेगी। यह बात बीते गुरुवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने सचिवालय में आयोजित शासन और विभागीय अधिकारियों की बैठक में कही। आम सहमति सामने आने पर स्कूलों को धीरे-धीरे तीन चरणों में खोला जाएगा। पहले चरण में नौ से बारह जबकि दूसरे चरण में छः से आठ तक की कक्षाओं को संचालित किया जाएगा तथा सबसे अंत में एक से पांच तक के स्कूलों को खोला जाएगा।
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