Uttarakhand school mid-day meal: सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब मिड डे मील के लिए कड़े नियम होंगे लागू….
Uttarakhand school mid-day meal : उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पीएम पोषण योजना के तहत पकाए जाने वाले दोपहर के भोजन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो बीआईएस ने संशोधित मानक कोड 2024 जारी कर दिया है साथ ही सरकार द्वारा नए कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। जिनका उद्देश्य सभी छात्र-छात्राओं को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन प्रदान करना है। इन कड़े नियमों के तहत भोजन की तैयारी भंडारण और वितरण के मानकों को सख्त किया जाएगा इसके अलावा भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच और निगरानी की जाएगी ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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uttarakhand Mid Day Meal बता दें भारतीय मानक ब्यूरो ( बीआईएस) ने सरकारी स्कूलों में पकाए जाने वाले दोपहर के भोजन के लिए संशोधित मानक कोड 2024 जारी कर दिया है। दरअसल बीते शनिवार को देहरादून के सुभाष नगर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें शिक्षाधिकारियों को नए मानकों की जानकारी दी गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि डीजी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा की छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि है इसलिए सरकारी स्कूलों में ब्यूरो के मानकों को लागू किया जाएगा। बीआईएस के निर्देशक सौरभ तिवारी ने नए कोड की जानकारी देते हुए कहा कि हर क्षेत्र के लिए सुरक्षा के मानक व मापदंड तय किए गए है। जिसका शत प्रतिशत पालन करने से गुणवत्ता में सुधार होता है साथ ही इससे सुरक्षा भी मिलती है।
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uttarakhand govt school Mid Day Meal इसके साथ ही एडी शिक्षा डॉक्टर मुकुल सती ने कहा कि खाने का स्वादिष्ट होना जरूरी नहीं है बल्कि उसका सुरक्षित होना भी अनिवार्य है इसलिए मिड डे मील की सामग्री लेते हुए इस पहलू का भी ध्यान रखा जाए। वहीं उपनिदेशक बीआईएस सचिन चौधरी ने प्रेजेंटेशन के जरिए मानक कोड पर चर्चा की तथा कार्यक्रम में मौजूद भोजन माताओं समेत शिक्षा अधिकारियों से भी राय ली है।
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दरअसल अब सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन में किसी दिन दाल चावल , कढ़ी ,चावल के बजाय मंडवे का पिज़्ज़ा, मिठाई झन्गोरे की बर्फी भी मिलेगी। टाटा होटल्स ग्रुप के सैफ और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर इसी प्रकार का मेन्यू तैयार कर रहे है। प्रथम चरण में यह मेन्यू दून के कुछ स्कूलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लागू होगा। बताते चलें पीएम पोषण योजना के तहत राज्य के 16, 000 से अधिक स्कूलों मे 6 लाख से ज्यादा छात्र छात्राओं के लिए दोपहर का भोजन बनाया जाता है। भोजन के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए इस प्रयोग को शुरू किया जा रहा है।