स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार की ओर से देश के कई ऐतिहासिक और तीर्थस्थलों को स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस की सूची में शामिल किया गया है। उत्तराखण्ड के लिए बहुत गर्व की बात है की केंद्र सरकार की ओर से देश में चलाई जा रही स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस योजना के तहत गंगोत्री धाम को राष्ट्रीय विशिष्ट स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। गंगोत्री तीर्थ उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धरती पर मां गंगा का जिस स्थान पर अवतरण हुई , उसे “गंगोत्री तीर्थ” के नाम से जाना जाता है। यह चारधाम यात्रा का दूसरा पवित्र पड़ाव है , जो कि यमुनोत्री के बाद आता है।
यह भी पढ़े –इन अलौकिक शक्तिओ की वजह से कहा जाता है माँ धारी देवी को उत्तराखण्ड की रक्षक और पालनहार
बता दे की गांधी जयंती व स्वच्छ भारत मिशन की चौथी वर्षगांठ पर केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से इस पुरस्कार की घोषणा की गई है। विगत दो अक्तूबर को गांधी जयंती व स्वच्छ भारत मिशन की चौथी वर्षगांठ के उपलक्ष पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने विजेताओं की घोषणा की, जिसमें गंगोत्री धाम ने देश के कई स्थलों को पछाड़ते हुए विशिष्ट स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस का खिताब हासिल किया। जिला प्रशासन की ओर से गंगोत्री धाम में चलाए गए सफाई अभियानों व धाम के विकास लिए बनाए गए मास्टर प्लान के आधार पर उत्तराखंड स्वजल विभाग को यह पुरस्कार दिया गया है।
फोटो स्रोत
यह भी पढ़े –उत्तराखण्ड के पाताल भुवनेश्वर गुफा में है कलयुग के अंत के प्रतीक
इसी क्रम में प्रदेश के गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ व कण्वाश्रम को भी स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस में शामिल किया है। सबसे खाश बात ये है की इनमें से गंगोत्री को राष्ट्रीयस्तर पर हुई प्रतियोगिता में विशिष्ट पुरस्कार मिला है।