शुरू होगा राज्य के अंदर वाहनों का संचालन ( public transport), लेकिन करना होगा कुछ शर्तों का पालन..
राज्यवासियों के लिए बेहद खुशी की बात है, राज्य सरकार ने ग्रीन और आरेंज जोन के जनपदों में अंतर्जनपदीय सार्वजनिक परिवहन (public transport) की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही अब राज्य की सड़कों पर फिर से गाडियां दौड़ सकेंगी। इसके लिए परिवहन विभाग एसओपी जारी करेगा, जिसके आधार पर ही जिलों में वाहनों का संचालन हो सकेगा। इसके साथ ही अंतराज्यीय परिवहन सामान्य तौर पर प्रतिबंधित है परंतु जल्द ही उसके संचालन के लिए भी शर्ते तय की जाएगी। बता दें कि राज्य में सभी जिले ग्रीन और आरेंज जोन में वर्गीकृत है, जिस कारण सरकार का यह फैसला समूचे उत्तराखण्ड में लागू होगा परन्तु किसी भी जिले के रेड जोन में परिवर्तित हो जाने पर उस जिले में सार्वजनिक परिवहन का संचालन बंद कर दिया जाएगा। विदित हो कि राज्य सरकार पहले ही राज्य के बड़े शहरों में ऑड-ईवन की तर्ज पर व्यक्तिगत वाहनों के संचालन के दिशानिर्देश जारी कर चुका है, जिसमें दो पहिया वाहनों को छूट दी गई है।
वाहन की क्षमता से आधी सवारी को ही बैठाने की अनुमति, बढ़ सकता है किराया:-
राज्य सरकार द्वारा बीते सोमवार को जारी लॉकडाउन 4.0 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सार्वजनिक परिवहन (public transport) को 50 प्रतिशत सवारियों के साथ ग्रीन तथा आरेंज जोन के जनपदों में वाहन संचालन की अनुमति होगी। अर्थात वाहन जितनी यात्रियों की संख्या में पास है, लॉकडाउन 4.0 के दौरान वाहनों में केवल उसकी आधी संख्या में ही सवारियां बैठ सकेंगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कहा है कि वाहनों के संचालन में सामाजिक दूरी, मास्क आदि का सख्ती से पालन किया जाए। बता दें कि राज्य में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं होने से अब समूचे प्रदेश में बसों सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन का संचालन हो सकेगा। एक जिले से दूसरे जिले के बीच यातायात व्यवस्था शुरू होने से लोगों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। हालांकि सवारियों की संख्या आधी करने से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान वाहनों के किराए में बढ़ोतरी भी हो सकती है।