Kainchi Dham Mela 2025 : 15 जून को लगेगा नीम करोली बाबा के दिव्य कैंची धाम मंदिर मे भव्य मेला, तैयारियों में जुटा प्रशासन, जाम से बचने के लिए शटल सेवा शुरू...
Kainchi Dham Mela 2025 : उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करौली के विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम में हर वर्ष आगामी 15 जून को स्थापना दिवस के अवसर पर वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है। ठीक उसी प्रकार से इस वर्ष भी इस भव्य मेले में हज़ारो की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है जिसको लेकर प्रशासन लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। बताते चले मेले को लेकर प्रशासन और परिवहन विभाग अलर्ट मोड पर हैं जिसके तहत श्रद्धालुओं को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लगातार तैयारियां चल रही है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार आगामी 15 जून को नैनीताल जिले में ट्रैफिक को नियंत्रित रखना और जाम की स्थिति से निपटने के लिए रोडवेज केमू और टैक्सी यूनियन मिलकर सटल सेवा चलाएंगे जिसके चलते कैंची धाम की ओर जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी तथा निजी वाहनों की संख्या भी इस मार्ग पर कम होगी जिससे ट्रैफिक व्यवस्था सुव्यवस्थित बनी रहेगी। ट्रैफिक नियंत्रण और पार्किंग को लेकर भी बैठक का आयोजन हो चुका है जिसमें रोडवेज केमू और टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है इसके साथ लोगो से ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग करने की महत्वपूर्ण अपील की जा रही है। पहले की तरह इस साल भी भीमताल और भवाली से टैक्सी सेवा के माध्यम से श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर तक भेजा जाएगा। भीमताल और भवाली में कुछ जगह पर अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। जिसके तहत हल्द्वानी और कालाढूंगी से चलने वाली सटल सेवा को रोक कर यात्रियों को आगे टैक्सी के माध्यम से भेजा जाएगा।
जानें अक्सर 15 जून को क्यों लगता है कैंची धाम मे मेला?
कैंची धाम हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है जिनकी प्रतिमा की प्रतिष्ठा 15 जून 1964 को बाबा नीम करोरी ने मंदिर की स्थापना के दौरान की थी इसीलिए हर वर्ष यहां पर 15 जून को विशाल मेले तथा भंडारे का आयोजन किया जाता है जहां पर लाखों की संख्या मे श्रद्धालु पहुंचते हैं ।
हनुमान का अवतार क्यों माना जाता था बाबा नीम करौली को?
बताते चले बाबा नीम करोली हनुमान जी के परम भक्त थे जिन्होंने महज 17 साल की उम्र में भगवान हनुमान के बारे में काफी ज्यादा ज्ञान अर्जित किया था जिसके चलते उन्होंने कम से कम 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण करवाया था जिसके तहत उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता था।
कौन थे बाबा नीम करौरी क्या थी उनकी पहचान?
बाबा नीम करौली का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था जो उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में 1900 के आस पास जन्मे थे हालांकि उन्हे 17 वर्ष की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी जिनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था।
जानें कैंची धाम पहली बार कब आए थे बाबा नीम करौली
नैनीताल के कैंची धाम में बाबा नीम करौली 1961 में पहली बार आए थे जहां पर उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर आश्रम बनाने पर विचार किया था और 1964 में इस विचार को धरातल पर उतारते हुए आश्रम की स्थापना की थी।
नीम करौली बाबा की मृत्यु
11 सितंबर 1973 दोपहर 1:15 पर भारत के वृंदावन के एक अस्पताल में बाबा नीम करोली की मृत्यु हुई थी जो मधुमेह के कारण कोमा में चले गए थे। जानकारी के मुताबिक वे आगरा से नैनीताल के पास कैंची धाम के लिए रात की ट्रेन से लौट रहे थे जहां पर उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ था ।
बाबा के इस मन्त्र का जाप करने से होती है मुराद पूरी
मैं हूं बुद्धि मलीन अति श्रद्धा भक्ति विहीन। करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दिन। कृपा सिंधु गुरूदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार, मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन। करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।”
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