Bageshwar chalk mining news: बागेश्वर जिले में खड़िया खनन पर लगी रोक, खनन निदेशक और सचिव औद्योगिक को कोर्ट में पेश होने के आदेश…..
Bageshwar chalk mining news: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कांडा तहसील में हो रहे लगातार खड़िया खनन पर नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि अब बागेश्वर जिले में खड़िया खनन पर पूर्ण तरह से रोक लगा दी गई है जिसके चलते यहां पर अब खड़िया खनन देखने को नहीं मिलेगा। दरअसल लम्बे समय से बागेश्वर की कांडा तहसील में खड़िया खनन हो रहा था जिसके कारण कांडा के कई गांवों में दरारें आ चुकी थी जो लगातार हादसों को न्योता दे रही है। ऐसे में कुछ लोग हादसों से बचने के लिए हल्द्वानी चले गए जबकि जिन लोगों के पास साधन नहीं थे वे अभी भी गांव में ही रह रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीणों ने खुद को विस्थापित करने की भी मांग की है। इस आदेश के बाद खनन निदेशक और सचिव औद्योगिक को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
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Bageshwar mining news today बता दें बागेश्वर जिले के कांडा तहसील मे लंबे समय से खड़िया खनन का कार्य चल रहा है जिसके चलते कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से दरारें आ चुकी है। जिसके मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जन याचिका पर सुनवाई कर पूरे बागेश्वर में खड़िया के खनन पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीड ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन करते हुए 9 जनवरी को निदेशक खनन और सचिव औद्योगिक कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट की माने तो खड़िया खनन करने वालों ने वन भूमि के साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध खनन किया है और पहाड़ी दरकने लगी है जो कभी भी हादसे को अंजाम दे सकती है। रिपोर्ट में फोटोग्राफ और वीडियो भी कोर्ट में पेश किए गए हैं।
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Bageshwar mining high court decision इतना ही नहीं बल्कि पिछली तारीख को कोर्ट ने गांव वालों की समस्या जानने के लिए दो न्यायमित्र नियुक्त करते हुए उनसे रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने डीएफओ बागेश्वर स्टेट लेवल की पर्यावरण सुरक्षा अथॉरिटी जिला खनन अधिकारी को पक्षकार बनाते हुए जवाब पेश करने के लिए कहा था। दरअसल ग्रामीण वासी खुद को विस्थापित किये जाने की मांग कर रहे हैं ग्रामीणों का कहना था कि जिनके पास साधन थे वो हल्द्वानी बस गए लेकिन गरीब गांव में ही रह गए। अवैध खड़िया खनन से गांव और मंदिर समेत पहाड़ियों को काफी नुकसान हुआ है बारिश के दौरान वहां पर पानी भरकर कभी भी भूस्खलन हो सकता है जिससे कृषि भूमि लगातार नष्ट हो रही है।