उत्तराखंड एलटी(Lt) चयनित शिक्षकों ने नियुक्ति को लेकर शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना
बैठक में मौजूद चयनित शिक्षकों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग, सरकार और शिक्षा विभाग उनकी नियुक्ति के लिए कोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं कर रहा है। अभी तक कोर्ट की किसी भी सुनवाई में सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से कोई भी सी.एस.सी. मौजूद नहीं रहा। चयनितों की मांग है कि सरकार चयनितों की नियुक्ति के लिए कोर्ट में महाधिवक्ता को भेजे और आयोग के साथ समन्वय करते हुए मजबूत पैरवी करें जिससे कि नियुक्ति पर लगी कोर्ट की रोक हट सके।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के माध्यमिक और इंटर स्तर के विद्यालयों में एल.टी. शिक्षकों के भारी संख्या में पद रिक्त हैं एवं 31 मार्च को समाप्त हुए सत्र में अधिकांश शिक्षकों की सेवानिवृत्ति हुई है जिससे इन रिक्त पदों में काफी इजाफा हुआ है। लेकिन 3 माह से नियुक्ति की राह देख रहे 1371 चयनित एल.टी.शिक्षकों को नियुक्ति न देना सरकार की गलत मंशा को ही प्रकट करता है। सरकार, चयनितों को नियुक्ति न देकर उनके एवं उनके परिवार वालों के साथ ही अन्याय नहीं कर रही वरन उत्तराखंड के नौनिहालों को शिक्षकों एवं शिक्षा से वंचित रखकर उनका भविष्य भी अधर में लटका रही है।
क्या है मामला
यूकेएसएसएससी ने मार्च 2024 में सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के लिए 1544 पदों पर वैकेंसी निकाली थी. 18 अगस्त 2024 को ये परीक्षा आयोजित की गई थी. 10 जनवरी 2025 को इसका रिजल्ट घोषित किया गया. 13 जनवरी से 29 जनवरी तक चयनितों का दस्तावेज सत्यापन कराया गया. दस्तावेज सत्यापन में पदों के सापेक्ष 25 % अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया गया. 9 फरवरी को फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित कर 1371 अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति शिक्षा विभाग को भेजी गई। जब सफल अभ्यर्थी ज्वाइनिंग की डेट का इंतजार कर रहे थे तो अचानक संशोधित उत्तर कुंजिका का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी. इसके बाद से सफल अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं। 8 अप्रैल को हुई सुनवाई में नैनीताल हाईकोर्ट ने आयोग को संशोधित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञ की राय लेने को कहा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर आवश्यक है तो आयोग ऐसे अधिकारी की सहायता ले सकता है, जो न्यायलय में उनकी सहायता कर सके और वह न्यायालय की भी सहायता कर सके। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिक समय नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि यह विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला है। मामले की अगली सुनवाई हेतु कोर्ट ने 25 अप्रैल की तिथि नियत की है।चयनित सहायक अध्यापक इससे पूर्व अपनी नियुक्ति के लिए निदेशालय के बाहर भारी संख्या में रैली भी निकाल चुके हैं। उन्होंने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ सरकार और शिक्षा विभाग पर नियुक्ति को लटकाने का आरोप लगाया है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी अतिथि शिक्षकों के द्वारा इस सीधी भर्ती में अधिमानी अंकों की मांग करते हुए इस भर्ती को 6 महीने तक कोर्ट में लंबित रखा गया था जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट ने अथिति शिक्षकों की याचिकाओं को खारिज करते हुए रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। और अब चयन संस्तुति होने के बाद फिर से एक बार भर्ती प्रक्रिया को बाधित करते हुए नियुक्ति को लटकाया जा रहा है। जिससे चयनित अभ्यर्थियों के साथ – साथ उनके परिवारजन भी परेशान हैं और नियुक्ति के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने भूख हड़ताल करने को विवश हैं। इस अनिश्चित कालीन धरने में धारचूला और मुनस्यारी जैसे दूर- दराज क्षेत्र से रमेश पांडे, दिनेश अपने छोटे बच्चों सहित तो माणा गांव से ज्योति, सुमन ,भुवन, मुनस्यारी से अभिषेक,देवराज, चन्दना, थलीसैंण से विमला, ललिता,अर्चना, त्रिभुवन,सोमेश, मस्तराम पंवार टिहरी से, आदि के साथ ही साथ चयनित एल. टी. अभ्यर्थियों के संगठन के अध्यक्ष जगदीश सिंह,महासचिव विमल देवरारी,कोषाध्यक्ष ऐश्वर्या, सचिव अजय सहित जैक,कुलदीप, अनित, कृष्णा, मयंक,नरेंद्र, पुष्कर, ऋद्धि,संदीप,सुमित गिरी, आदि अनेक अभ्यर्थी धरने में शामिल रहे।
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