Uttarakhand Burnash self Employment: थल के मदन उपाध्याय ने बुरांश को बनाया स्वरोजगार का जरिया अपने इस रोजगार से अन्य युवाओं को भी किया प्रेरित
बेरोजगारी पलायन का एक बहुत ही बड़ा कारण रहा है ।उत्तराखंड में बेरोजगारी के कारण कई युवा आय के साधन ढूंढने के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। वही उत्तराखंड के कई युवा ऐसे भी हैं जो धीरे-धीरे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। वे न केवल प्राकृतिक संसाधनों से सेहतमंद उत्पाद तैयार कर हैं बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे रहे हैं । ऐसे ही युवा से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने प्राकृतिक संसाधन से स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है। जी हां …हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र के मदन उपाध्याय की जिसने बूरांश का जूस तैयार करके अपने साथ-साथ अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया है।(Uttarakhand Burnash self Employment)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र के रहने वाले मदन उपाध्याय ने स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है। बता दें कि मदन ने राज्य के पर्वतीय जिलों में खिलने वाला बुरांश को अपने रोजगार का जरिया बनाया है। बुरांश उत्तराखंड का राजकीय पुष्प होने के साथ ही अब स्वरोजगार का भी अच्छा साधन बन गया है।पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और आयरन पाया जाता है। बुरांश में एंटी हिपेरग्लिसेमिक गुण पाया जाता है जो रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। मधुमेह को नियंत्रित करने में भी बुरांश सहायता करता है।इसमे क्वेरसेटिन, रुटीन, कौमारिक जैसे एक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैंं जो कि स्वास्थ के लिए फायदेमंद होता है।मदन ने स्वरोजगार के लिए उन्नति सहकारी संघ का गठन किया। उन्होने आसपास के उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी एकत्र की और बुरांश को स्वरोजगार का माध्यम बनाने का निर्णय लिया। मुनस्यारी, लामाघर, पमतोड़ी, भातड़ के जंगल में अधिक मात्रा में होने वाले बुरांश के फूल से जूस निकालने की ट्रेनिंग ली और अपनी मुहिम में लग गए। उन्होंने अपने साथ अन्य तीन युवाओं को भी जोड़ा और थल में ही जूस बनाने की यूनिट स्थापित की।मदन ग्रामीणों से बुरांश के फूल खरीद रहे हैं। स्वास्थ के लिए उत्तम माना जाने वाला बुरांश के फूल का जूस बाजार में 160 रुपये लीटर तक बिक रहा है। मदन का कहना है कि वह जितना जूस तैयार कर रहे हैं उसकी खपत स्थानीय बाजार में ही हो रही है।जल्द ही वह अपनी यूनिट का विस्तार करके उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
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