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Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="Major Suman Gawani honoured with UN Military Gender Advocate award"

उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल

उत्तराखंड की मेजर सुमन बनेंगी पहली भारतीय जिन्हें मिलेगा यूएन का एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड

उत्तराखंड की सुमन गवानी (Suman Gawani) ने बढ़ाया देश का मान, संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द इयर अवार्ड पाने वाली पहली भारतीय..

उत्तराखंड को प्रतिभाओं की जननी यूं ही नहीं कहा जाता, चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो देवभूमि वासियों ने देश-विदेश में अपने प्रतिद्वंद्वियों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर किया है। बात अगर राज्य की महिलाओं की करें तो आज देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। यहां तक कि कुछ वर्ष पहले तक पुरूषों का एकाधिकार माने जाने वाले सेना के तीनों अंगों में भी देवभूमि की बेटियों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही वीर सपूत से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी प्रतिभा के दम पर न सिर्फ उत्तराखण्ड का बल्कि समूचे देश का नाम भी दुनिया में रोशन कर दिया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले की रहने वाली मेजर सुमन गवानी (Suman Gawani) की, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द इयर अवार्ड 2019 के लिए चयनित किया गया है। उन्हें यह सम्मान आगामी 29 म‌ई को दिया जाएगा। सबसे खास बात तो यह है कि सुमन, देश की पहली नागरिक है जिन्हें इस अंतराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा, यह उत्तराखण्ड के साथ ही सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए भी बड़े गर्व की बात है।


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2010 में हुई थी सेना में भर्ती, दक्षिण सूडान में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के पोखर गांव की रहने वाली मेजर सुमन  गवानी 2010 से भारतीय सेना में तैनात हैं। बता दें मेजर सुमन ने दक्षिण सूडान में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात होकर संयुक्त राष्ट्र के मिशन में महत्वपूर्ण निभाई थी। शांति के क्षेत्र में उनके इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द इयर अवार्ड 2019 के लिए चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह सम्मान प्रत्येक वर्ष 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर दिया जाता है। हालांकि इस वर्ष कोरोना के कारण यह कार्यक्रम ऑनलाइन होगा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मेजर सुमन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मानित करेंगे। सबसे खास बात तो यह है कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय शांतिदूत को संयुक्त राष्ट्र के इस अंतराष्ट्रीय प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा जाएगा। बताते चलें कि इस प्रतिष्ठित सम्मान को पाने वाली पहली भारतीय सुमन के पिता प्रेम सिंह गवानी अग्निशमन विभाग से सेवानिवृत्त है जबकि उनकी माता कविता गृहणीं हैं। सुमन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी एवं उत्तरकाशी जिले से प्राप्त की जिसके बाद देहरादून के डीएवी कॉलेज से बीएड किया। सुमन के दोनों भाई-बहन भी देशसेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।


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