उत्तराखण्ड: पहाड़ के सपूत एयर वाइस मार्शल राणा को मिली अहम जिम्मेदारी, बनें वायुसेना में डीजी
देवभूमि उत्तराखंड के वाशिंदों की प्रतिभा का लोहा आज पूरा विश्व मानने को मजबूर हुआ है। चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो उत्तराखण्डियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी है। इन दिनों पूरा उत्तराखंड पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के प्रथम सीडीएस बनने से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है, आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही वीर बेटे की पदोन्नति की खबर से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसको पढ़कर आपकी खुशी दोगुनी हो जाएगी और समूचे उत्तराखंड के इस गौरवशाली पल में भी चार चांद लग जाएंगे। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के टिहरी जिले के रहने वाले एवं भारतीय वायुसेना में तैनात एयर वाइस मार्शल विजयपाल सिंह राणा की, जिन्हें हाल ही में डीजी की जिम्मेदारी दी गई है। अर्थात एयर वाइस मार्शल राणा अब भारतीय वायुसेना में महानिदेशक बन गए हैं। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। सबसे खास बात तो यह है कि वायुसेना में इस पद पर पहुंचने वाले राणा टिहरी के पहले व्यक्ति हैं और 2014 में विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित हो चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के टिहरी जिले के प्रतापनगर नेल्डा गांव निवासी विजयपाल सिंह राणा पुत्र स्व• कुंदन सिंह राणा को भारतीय वायुसेना में एक अहम जिम्मेदारी दी गई है। बीते एक जनवरी को भारतीय वायुसेना के महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण कर चुके वाइस एयर मार्शल विजयपाल सिंह राणा की प्रारंभिक शिक्षा धारमंडल प्रतापनगर से तो माध्यमिक शिक्षा श्रीनगर से हुई, इसके साथ ही उन्होंने उच्च शिक्षा पीजी कॉलेज टिहरी और उत्तरकाशी से प्राप्त की। बता दें कि कारगिल ऑपरेशन में सक्रिय भागीदारी निभा चुके डीजी राणा ने दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना की प्रशासक शाखा में कमीशन प्राप्त किया था। सबसे खास बात तो यह है कि डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) से स्नातक करने के बाद महानिदेशक राणा इसी कॉलेज में प्रशिक्षक के रूप में भी कार्य चुके हैं। इसके बाद वह रक्षा सेवा कमांड स्टाफ कॉलेज (डीएससीएससी) लुस्का, जांबिया में भी प्रशिक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति पर रहे। इसके साथ ही उन्होंने कोयंबटूर में वायुसेना प्रशासनिक कॉलेज में कमांडेंट के रूप में भी अपना योगदान दिया।