Savita kanswal Everest makalu: उत्तरकाशी की सविता कंसवाल में माउंट एवरेस्ट के बाद, एवरेस्ट मकालु पर फतेह कर बनाया नेशनल रिकॉर्ड
राज्य की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का डंका बजा रही हैं। आए दिन राज्य की होनहार बेटियों की सफलताओं की खबरें सुनने को मिलती है। जहां सोमवार को घोषित हुए यूपीएससी के परिणामों में राज्य की बेटियों में परचम लहराया है । वही आज फिर राज्य की एक प्रतिभावान बेटी ने न सिर्फ उत्तराखण्ड को गौरवान्वित किया है बल्कि समूचे देश का मान भी बढ़ाया है। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के उत्तरकाशी जिले की लौंथरू गांव की रहने वाली सविता कंसवाल की, जिन्होंने महज 24 वर्ष की उम्र में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल करने के बाद अब 15 दिन के अंदर ही माउंट मकालू पर्वत पर भी फतेह करके सफल आरोहण किया है।(Savita kanswal Everest makalu)
सविता की इस उपलब्धि से जहां क्षेत्र में खुशी की लहर है वही उत्तराखंड का नाम एक बार फिर से संपूर्ण देश में गौरवान्वित हुआ है। बता दें कि इससे पहले सविता ने 12 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद 28 मई को सविता ने माउंट मकालू ( जिसकी ऊंचाई लगभग 8463 मीटर है। ) पर भी फतेह हासिल की है।बताते चलें कि 15 दिन के भीतर दो पर्वतों के सफल आरोहण से सविता ने नेशनल रिकॉर्ड बनाया है।सविता बचपन से ही काफी मेहनती रही है। सविता चार बहनों में सबसे छोटी है। उनका बचपन हमेशा ही आर्थिक तंगियो से गुजरा है। सविता ने कभी भी अपने माता पिता को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दे बल्कि खुद बेटा बनकर उनकी देखरेख तथा घर की जिम्मेदारियों को संभाला है।
सरिता की प्रारंभिक शिक्षा उत्तरकाशी के सरकारी स्कूल से पूरी हुई है । इसके पश्चात सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स पूर्ण किया। बेसिक कोर्स करने के बाद सविता ने एडवांस एंव सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी पूर्ण किया। सविता हमेशा से ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में एक कुशल प्रशिक्षक रही हैं। उनकी इतनी बड़ी उपलब्धि पर संस्थान के प्रधानाचार्य ने भी सविता को बधाई देते हुए खुशी जाहिर की है।