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Image : सांकेतिक फोटो ( Haldwani kathgodam news today)

UTTARAKHAND NEWS

Haldwani news: हल्द्वानी मां ने फोन लैपटॉप चलाने से मना किया तो छात्रा ने खत्म कर दी जिंदगी

Haldwani kathgodam news today: घरवालों ने मोबाइल चलाने से किया मना तो बीफार्मा की छात्रा ने फंदा लगाकर कर दी आत्मह्त्या, सुसाइड नोट में लिखा मैं पीसफुल तरीके से जाना चाहती हूं..

b pharma student Jigyasa Tiwari suicide case mother scold mobile laptop use haldwani kathgodam Uttarakhand latest news today: उत्तराखंड के नैनीताल जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां पर परिजनों के फोन चलाने से इंकार करने पर बीफार्मा तृतीय सेमेस्टर की छात्रा ने फांसी के फंदे पर लटककर अपनी जान दी है। बताते चले प्रदेश में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई सारे बच्चे अपने परिजनों के डांटने पर इस तरह के अनुचित कदम उठा चुके हैं। बच्चों को यह बात समझनी होगी कि गलती करने पर उन्हे उनके परिजन नही डाँटेंगे तो फिर कौन उन्हे डाँटेगा। अक्सर छोटी सी बात पर अपनी जान देना कदापि उचित नहीं है।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल जिले के हल्द्वानी के काठगोदाम शीशमहल के कर्नल वार्ड की निवासी 20 वर्षीय जिज्ञासा तिवारी पुत्री चंद्रशेखर तिवारी एक विश्वविद्यालय में बीफार्मा के तृतीय सेमेस्टर की छात्रा थी। वहीं जिज्ञासा के पिता चंद्रशेखर ऊर्जा निगम में तकनीकी इलेक्ट्रीशियन के पद पर नौकरी करते है। बीते सोमवार की सुबह करीब 8:00 जिज्ञासा लैपटॉप और फोन पर व्यस्त थी। इस दौरान जिज्ञासा की माँ भावना तिवारी ने उसे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से फटकार लगाई, जिससे नाराज होकर वह सीधा अपने कमरे में चली गई।

काफी वक्त गुजरने के बाद भी कमरे से बाहर नही आई जिज्ञासा

काफी वक्त गुजरने के बाद जब जिज्ञासा अपने कमरे से बाहर नहीं आई तो उसके परिजन परेशान हो गए। परिजनों ने उसे आवाज लगाई लेकिन उसने कुछ जवाब नहीं दिया इसके बाद परिजनों की चिंता और बढ़ गई। जिसके बाद जिज्ञासा के परिजन उसके कमरे में पहुंचे जिन्होंने दरवाजा तोड़कर देखा तो जिज्ञासा पंखे के फंदे पर लटकी हुई थी ,जिसे देखकर परिजनों के होश उड़ गए।

डॉक्टरों ने जिज्ञासा को किया मृत घोषित

आनन फानन मे परिजन उसे डॉक्टर सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टरों ने जिज्ञासा को मृत घोषित कर दिया। पुलिस प्रशासन द्वारा जिज्ञासा के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है। जिज्ञासा की मौत के बाद से उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है वहीं उन पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है।

जिज्ञासा के कमरे से सुसाइड नोट बरामद, माता-पिता के साथ युवक दोस्त का भी जिक्र

पुलिस प्रशासन द्वारा जांच पड़ताल में खुलासा हुआ है कि जिज्ञासा अपने पारिवारिक विवाद की ज्यादातर बातें अपने एक युवक दोस्त के साथ साझा करती थी। वह मानसिक रूप से परेशान चल रही थी जिसने सुसाइड नोट में माता-पिता के सपोर्ट नहीं करने और बात-बात पर रोकने तथा किसी बात को लेकर डिप्रेशन में रहने का जिक्र किया है। जिज्ञासा के आत्मघाती कदम उठाने की बात पुलिस को उसके चचेरे भाई गर्वित के एक दोस्त ने दी थी। जिज्ञासा का अंग्रेजी व जेन जी लैंग्वेज का सुसाइड नोट पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बनकर उभर रहा है।

जिज्ञासा ने जेन जी टाइप में लिखा सुसाइड नोट

जिज्ञासा ने जेन जी टाइप लैंग्वेज में अपने पारिवारिक विवाद की कहानी लिखी है जिसमें ज्यादातर बातें उसने अपने माता-पिता के खिलाफ लिखी है इसके अलावा उसने अपने एक युवक दोस्त को भी कोसा है। जिज्ञासा ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि “बहुत हुआ अब मैं शांति से जाना चाहती हूं ” फिलहाल पुलिस द्वारा जिज्ञासा के मोबाइल और लैपटॉप को कब्जे में लिया गया है हालांकि जिज्ञासा का मोबाइल व लैपटॉप दोनों लॉक है जिसमें पासवर्ड लगे हैं। मोबाइल और लैपटॉप को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

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