Uttarakhand outsource contract workers: उत्तराखंड में आउटसोर्स और संविदा कर्मियों की भर्ती पर लगी रोक, स्वीकृत पदों के लिए भेजनी होगी डिमांड...
Uttarakhand outsource and contract workers recruitment: उत्तराखंड के विभिन्न विभागों के अंतर्गत आउटसोर्स संविदा और दैनिक वेतन से जुड़ी नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से एक झटके की खबर सामने आ रही है कि अब कर्मचारियों की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जिसके लिए मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सभी प्रमुख सचिव विभाग अध्यक्ष और जिलाधिकारी के लिए आदेश जारी करते हुए भविष्य में रिक्त पद एजेंसियों की तरह नियमित से भरने की बात कही है। मुख्य सचिव ने आदेश देते हुए कहा कि सरकारी कार्य प्रणाली और सुशासन को ध्यान में रखते हुए नियमावली में किए गए प्रावधानों के अनुसार ही रिक्त पदों पर कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।
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बता दें उत्तराखंड सरकार ने नियमित पदों के सापेक्ष किसी भी प्रकार से आउटसोर्स संविदा दैनिक वेतन कार्य प्रभारित, नियमित वेतन समेत अन्य तरह की नियुक्तियों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं जिसके चलते यदि किसी की भी नियुक्ति की जाती है तो संबंधित विभाग अध्यक्ष के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा इसके साथ ही सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। दरअसल 27 अप्रैल 2018 और 29 अक्टूबर 2021 के शासनादेश भी निरस्त कर दिए हैं जिसमें काम चलाओ व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को रखने का प्रावधान किया गया था इसके साथ ही रिक्त पदों का आकलन करते हुए इनमें नियमित भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। बताते चले छठवें वेतन आयोग के फलस्वरुप उत्तराखंड में चतुर्थ श्रेणी के पदों को डांइग कैडर माना गया है इन पदों पर काम चलाओ व्यवस्था बनाने के लिए आउटसोर्स पर कर्मचारियों की अस्थाई तैनाती का प्रावधान है जिन्हें प्रमोशन नहीं दिया जाता है इसके अलावा ज्यादातर मृतक आश्रित कोटे से भी कर्मचारी रखे जाते हैं।
विभिन्न विभागों मे पद खाली
विभिन्न सरकारी और अर्ध सरकारी महकमों मे 66841 पद खाली चल रहे हैं वहीं वित्त विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राजपत्रित संवर्ग में समूह क के 3497 और ख के 4709 व ग के 42478 पद के साथ ही घ के 16163 पद खाली है जिनमें अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद भी किसी को जॉइनिंग नहीं मिल पाई थी। विभागों ने इन पदों पर आउटसोर्स और संविदा पर कर्मचारी रख लिए और दूसरी तरफ भर्ती प्रक्रिया के लिए आयोग को प्रस्ताव भेज दिए। चयन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पहले से तैनात आउटसोर्स और संविदा कार्मिक हाई कोर्ट से नौकरी से हटाने के खिलाफ स्टे आर्डर ला चुके हैं ऐसे में राज्य कर विभाग, सिंचाई, pwd, पंचायती राज आदि विभागों से कई मामले सामने आ चुके हैं। मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में दो बैठक हो चुकी हैं जिसमें अनुमान के मुताबिक राज्यभर में ऐसे लोगों की संख्या 18 से 20000 है जिसके चलते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उपनल के जरिए रखे गए आउटसोर्स कर्मचारी को चरणबद्ध तरीके से नियमित करने का आदेश दिया है जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियमितकरण के लिए ठोस नीति बनाने का ऐलान भी कर चुके हैं। बताते चले मुख्य सचिव आनंद वर्धन के आदेश के बाद अब राज्य में आउटसोर्स संविदा और दैनिक कर्मियों के रूप में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाएगी। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत आउटसोर्स एजेंसी से कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर अनुरोध किया जाने लगा है। जिसके चलते अब यह कार्य सरकार के लिए बेहद मुश्किल और चुनौती भरा होने वाला है।
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