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Belongs UP become UK domicile fake degree document scam fraud in assistant teacher bharti primary school 2024 uttarakhand latest news
Image : सांकेतिक फोटो ( Uttarakhand teacher bharti fraud)

UTTARAKHAND NEWS

Uttarakhand news: UP वाले फर्जी दस्तावेजों से डाल रहे पहाड़ियों की नौकरी में डाका बने शिक्षक

Uttarakhand teacher bharti fraud: जाली प्रमाणपत्रों से सरकारी नौकरी हथिया बैठे हैं बाहर के लोग, मेरिट में जगह पाने वाले स्थानीय अभ्यर्थी झेलते रह गए बेरोजगारी..

Belongs UP become UK domicile fake degree document scam fraud in assistant teacher bharti primary school 2024 uttarakhand latest news: उत्तराखंड के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। दरअसल एक ओर जहाँ स्थानीय युवा दिन-रात मेहनत कर मेरिट लिस्ट मे अपनी जगह बनाने के बावजूद भी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बाहर से आए कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के चलते सहायक अध्यापक बनकर पहाड़ पर मौज काट रहे हैं। प्रदेश में इस तरह के यह मामले कोई एक दो नहीं बल्कि अब तक 40 फर्जी लोगों के मामले सामने आ चुके हैं जो स्थानीय युवाओं के लिए बेहद चिंताजनक विषय बन गया है।

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Uttarakhand assistant teacher bharti fraud scam fake documents domicile: अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में वर्ष 2024 में प्राथमिक शिक्षा में डीएलएड धारी लोगों के लिए सहायक अध्यापक की भर्ती शुरू हुई। इतना ही नहीं बल्कि इस भर्ती के लिए उधम सिंह नगर जिले में कुल 309 पद स्वीकृत हुए जिसमें से बैकलॉग के 44 पद और दिव्यांग कोटे के कुछ पद भी खाली रह गए। जिनमें से 256 लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई। वही 40 सहायक शिक्षक इस भर्ती में ऐसे शामिल हो गए जिन्होंने उत्तराखंड के युवाओं का हक मार कर फर्जीवाड़ा कर दस्तावेजों के बलबूते पर नौकरी पाई। इतना ही नहीं बल्कि इस बात की भनक सिस्टम तक को नहीं लगी। फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर लोगों ने मेरिट सूची में अपनी जगह पक्की की और शपथ पत्र पर नियुक्ति मिलने के बाद सरकारी शिक्षक के पद पर बैठ गए।

ऐसे खेला पूरा खेल 

शिक्षा विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में शासनादेश जारी किया था कि उत्तर प्रदेश में डीएलएड प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना जरूरी है। वही उधम सिंह नगर में परिवीक्षा पर सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे 40 लोगों ने डीएलएड उत्तर प्रदेश से किया जिसके लिए उन्होंने यूपी का स्थाई निवास प्रमाण पत्र लगाया और जब उत्तराखंड में भर्ती निकली तो यह लोग फर्जी तरीके से कागजों में उत्तराखंड निवासी बन गए। इसके साथ ही जाली स्थाई निवास प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें यहां पर सहायक अध्यापक की नौकरी भी मिल गई और मेरिट में आने के कारण उन्हें शपथ पत्र के आधार पर परिवीक्षा पर नियुक्ति दी गई। लेकिन अब 40 अध्यापक शिक्षा विभाग के रडार पर आ गए हैं।

तहसील प्रशासन भी सवालों के घेरे में

अब सवाल यह उठता है कि एक ही समय पर दो राज्यों से स्थाई निवास प्रमाण पत्र कैसे बन सकता है। यह सवाल उठना लाजिमी है की तहसील प्रशासन ने किस आधार पर इन लोगों को उत्तराखंड का स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी किया है। क्योंकि सहायक शिक्षा भर्ती के लिए बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किया था जिनमें से कई लोग यहीं नौकरी कर रहे हैं।

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