Uttarakhand anganwadi TRH RATION scheme अब मुफ्त राशन के लिए जरूरी होगा बायोमेट्रिक सत्यापन, देहरादून जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में लागू हुई नई व्यवस्था
Uttarakhand anganwadi TRH RATION scheme: टेक होम राशन (THR) योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन लेने के लिए लाभार्थियों को बायोमेट्रिक सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। सबसे खास बात तो यह है कि देहरादून जिले में यह व्यवस्था लागू भी कर दी गई है और जल्द ही इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी विस्तार देने की तैयारी है।
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अब पहचान की पुष्टि के बाद ही मिलेगा राशन Anganwadi Ration Biometric Verification uttarakhand
आपको बता दें कि इस नई व्यवस्था के तहत अब गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चे तभी राशन ले सकेंगे जब उनका बायोमेट्रिक सत्यापन पोषण ट्रेकर ऐप के ज़रिए सफल होगा। सत्यापन की प्रक्रिया में पहले लाभार्थी का चेहरा स्कैन होगा, फिर आधार से लिंक मोबाइल पर OTP आएगा। इसे दर्ज करने के बाद ही गेहूं और चावल के पैकेट सौंपे जाएंगे। बताते चलें कि टेक होम राशन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं धात्री माताओं व शिशुओं (छह माह से तीन वर्ष तक) को तीन किग्रा 800 ग्राम गेहूं व इतना ही चावल राशन के रूप में वितरित किया जाता है।
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फर्जी लाभार्थियों पर लगेगी लगाम THR Scheme Biometric Verification
बताया गया है कि इस संबंध में विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि एक ही लाभार्थी कई आंगनबाड़ी केंद्रों से दोहरी सुविधा ले रहा है। कहीं शहरी क्षेत्रों में तो कहीं गांवों में दुबारा नाम दर्ज करा कर राशन उठाया जा रहा था। कुछ स्थानों पर केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने से फर्जी लाभार्थियों के नाम भी जोड़ दिए जाते थे। अब लाइव ऑथेंटिकेशन की अनिवार्यता से इस पर सख्ती से रोक लगेगी।
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डोईवाला से हुई शुरुआत
आपको बता दें कि देहरादून जिले के डोईवाला ब्लॉक में यह प्रणाली लागू कर दी गई है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग की ओर से मोबाइल फोन उपलब्ध कराए गए हैं जिनमें पोषण ट्रेकर ऐप इंस्टॉल है। कार्यकर्ताओं ने सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और लाभार्थियों को स्पष्ट रूप से सूचित किया जा चुका है कि अब बिना पहचान की पुष्टि राशन नहीं मिलेगा। नई व्यवस्था से न केवल योजनाओं में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कार्यप्रणाली पर भी निगरानी आसान हो जाएगी। विभाग के अनुसार, अगर कोई केंद्र सत्यापन नहीं कराता या नियमों की अनदेखी करता है, तो उसकी रिपोर्टिंग तुरंत जिला कार्यालय तक पहुंच जाएगी।
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पुरानी व्यवस्था से कितना बदला सिस्टम? Uttarakhand THR SCHEME RULES
इस संबंध में ऋषिकेश के गीता नगर-1 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी भट्ट ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पहले रजिस्टर में नाम देखकर किसी को भी राशन दे दिया जाता था, लेकिन अब सिर्फ वही व्यक्ति मिलेगा जो पोषण ट्रेकर ऐप से सत्यापित होगा। इससे गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन किया जाता था और राशन उनके किसी भी पारिवारिक सदस्य को दे दिया जाता था। अब केवल पंजीकृत लाभार्थी की उपस्थिति अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि असली ज़रूरतमंद को ही लाभ मिले और सरकारी योजनाएं अपने वास्तविक लक्ष्य तक पहुँचें।
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