Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Uttarakhand news : Chamoli people make wooden bridge for maa nanda Rajeshwari

उत्तराखण्ड

चमोली

उत्तराखंड: मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली को गांव तक लाने के लिए लोगों ने खुद ही बना डाला पुल

गांव में मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली आने की बात सुनकर उत्साहित ग्रामीणों ने दो दिन में कर डाला 8 वर्ष पहले टूटी पुलिया का निर्माण, बोले ग्रामीण मां पर उनकी अटूट आस्था ने भरा पुलिया निर्माण का जोश..

देवभूमि उत्तराखंड के बारे में यह कहा जाता है कि यहां कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। ऐसे में यहां के वाशिंदों का देवी-देवताओं पर आस्था रखना भी स्वाभाविक है। यही कारण है कि यहां लम्बे समय से लंबित पड़े काम भी लोगों की देवी-देवताओं पर अटूट आस्था के कारण पूरे हो जाते हैं। देवी-देवताओं पर लोगों की आस्था का एक ऐसा ही एक उदाहरण आज राज्य के चमोली जिले से सामने आ रहा है जहां मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली को गांव तक लाने के लिए चिड़िगा मल्ला के ग्रामीणों ने दो दिन में ही गदेरे पर उस जगह लकड़ी की अस्थायी पुलिया बना डाली जहां बनी पुलिया वर्ष 2013 की आपदा में बह गई थी और तब से यहां के ग्रामीण गदेरे से ही आवाजाही कर रहे थे। परंतु मां नंदा की डोली के आवागमन की सूचना जैसे ही उन्हें मिली तो आस्था और विश्वास के कारण ग्रामीणों के अंदर जगा जोश पुलिया के निर्माण के बाद ही थमा। पुलिया का निर्माण होने से अब माता की डोली यही से गांव पहुंचेगी।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: द्वाराहाट का दूनागिरी मंदिर ‘वैष्णो देवी’ का वो शक्तिपीठ जहाँ होती है हर मुराद पूरी

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले के चिड़िगा मल्ला गांव में ग्वाई गदेरे पर बनी पुलिया वर्ष 2013 की आपदा में बह गई थी। तब से यहां के ग्रामीण गदेरे से ही आवाजाही करने को मजबूर थे। उन्होंने दुबारा पुलिया बनवाने की भरसक कोशिश की, प्रशासन से क‌ई बार गदेरे पर पुलिया के निर्माण की गुहार लगाई, परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि ग्रामीण खुद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ा पाए, परंतु बीते दिनों जैसे ही उन्हें मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली शुक्रवार को चिड़िगा मल्ला गांव आने की सूचना मिली तो ग्रामीणों ने तुरंत आपात बैठक बुलाकर श्रमदान से पुलिया बनाने का निर्णय लिया और देखते ही देखते दो दिनों के भीतर गदेरे में लगभग दो मीटर चौड़ी और आठ मीटर लंबी लकड़ी की अस्थाई पुलिया बना डाली। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया के निर्माण से जहां मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली अब बिना कष्ट के गांव के चौक तक पहुंच सकेगी वहीं सरकोट, नंदकेशरी और देवाल जाने वाले छात्र-छात्राओं और लोगों को भी आवाजाही में आसानी होगी।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पहाड़ में सरकारों को आईना दिखा रहे ग्रामीण, गांव के लिए श्रमदान कर बना रहे सड़क

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top