Dehradun Delhi Non Stop Volvo bus: देहरादून दिल्ली नॉन स्टॉप वोल्वो बसो की देरी के कारण यात्री परेशान, नॉन स्टॉप बस के नाम पर वसूला जा रहा अधिक किराया , जगह जगह रुक रही बस..
Dehradun Delhi Non Stop Volvo bus fair and timings issue: उत्तराखंड परिवहन निगम के यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है जिसके चलते उन्हें आए दिन समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। दरअसल सुपर डिलक्स वोल्वो बसो के संचालन ने यात्रियों की परेशानियों में इजाफा किया है। विशेष कर उच्च श्रेणी और उच्च मध्यम श्रेणी के वो यात्री परेशान है जो ₹1000 खर्च कर परिवहन निगम की वोल्वो बसों से यात्रा करते हैं। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि देहरादून से चल रही निजी वोल्वो और स्लीपर बसों में आधा किराया होने के बावजूद यात्री निगम की बसो पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।
यह भी पढ़े :हल्द्वानी से दिल्ली के लिए चलेगी 1 और वोल्वो बस, दिल्ली के लिए कुल 3 बसों का होगा संचालन
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार राजधानी देहरादून से दिल्ली जाने वाली नॉनस्टॉप बसे लेट लतीफी कर रही है जिससे यात्री परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं। इतना ही नही बल्कि जो यात्री 945 रुपए खर्च कर नॉनस्टॉप वोल्वो बस से 4:30 घंटे में दिल्ली पहुंचना चाहते हैं, अब वही बसे 5:15 से 5:30 घंटे में दिल्ली पहुंच रही है। जिसके कारण यह बसे अब नॉनस्टॉप नहीं रही है। बसे अनुबंध के बगैर ही आधा से पौन घंटा ढाबे पर रुककर धीमी गति से चल रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए देहरादून दिल्ली मार्ग पर संचालित हो रही सुपर डीलक्स वोल्वो बस सेवा को नॉनस्टॉप बताकर परिवहन निगम बस से ढाई गुना अधिक किराया वसूल कर रहा है।
जगह जगह हो रही बस स्टॉप सिर्फ नाम का रह गया नॉनस्टॉप
जबकि यह बसे जाते हुए मुजफ्फरनगर बायपास और लौटते हुए खतौली बाईपास पर आधा घंटा रुक रही है। जून माह में वोल्वो बसों के नॉनस्टॉप संचालित ना होने पर यात्रियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर परिवहन निगम मुख्यालय से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था बावजूद इसके कार्य शैली में कोई सुधार नहीं आया है।
नॉनस्टॉप वोल्वो बस में एसी भी नहीं होता समय पर चालू, यात्री कर रहे शिकायत
बताते चलें वोल्वो बसें निजी ऑपरेटरों की है और यह निगम के अनुबंध पर संचालित होती है जिसकी कुछ शर्तों को मनाना अनिवार्य है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार बस का एक बस अड्डे पर प्लेटफार्म पर लगने से आधा घंटे पहले एसी चलाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं बल्कि मार्ग में कहीं भी एसी बंद नहीं होगा चाहे बस कहीं भी खड़ी क्यों ना हो लेकिन इसका भी अनुपालन नहीं हो रहा है। यात्रियों का आरोप है कि जब बस अड्डे से बाहर निकलने वाली होती है तब एसी को ऑन किया जाता है।
यात्रियो को गर्मी व घुटन के कारण बस से बाहर रहना पड़ रहा खडा
जिससे भीतर हो रही घुटन और गर्मी के कारण यात्रियों को बस चलने तक बाहर खड़े रहना पड़ता है। वही धीमी बस चलने को डीजल चोरी का कारण बताया जा रहा है। दिल्ली का फेरा लगाने को निगम प्रति वर्ष 135 लीटर डीजल देता है जबकि पूर्व में यह बसें 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से दौड़ती थी अब ये सिर्फ 60 से 65 की गति से दौड़ रही है।
उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।