Army havildar suresh Bageshwar : जम्मू कश्मीर के अखनूर सेंटर में तैनात तीन राजपूत रेजीमेंट के जवान सुरेश सिंह की गई जिंदगी, प्रदेश में दौड़ी शोक की लहर..
indian army 3 rajput regiment havildar suresh singh of bhiri village Bageshwar martyr on Akhnoor Jammu Kashmir uttarakhand latest news today: जम्मू कश्मीर के अखनूर से समूचे प्रदेश वासियों के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है, जहां पर ड्यूटी पर तैनात बागेश्वर के तीन राजपूत रेजीमेंट के जवान सुरेश सिंह की स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते जिंदगी चली गई। घटना के बाद से सुरेश सिंह के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बताया गया है कि शहीद हवलदार सुरेश ने हाल ही में छुट्टियां बिताने के बाद दुबारा ड्यूटी ज्वाइन की थी। परिजनों ने उन्हें हंसी खुशी घर से ड्यूटी के लिए विदा किया था।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के दफौट बमन भीडी गांव के निवासी 47 वर्षीय सुरेश सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह भारतीय सेना मे तीन राजपूत रेजीमेंट में हवलदार के पद पर जम्मू कश्मीर के अखनूर सेंटर में तैनात थे। दरअसल सुरेश का परिवार वर्तमान में लखनऊ में रहता है जिसके चलते बीते 2 अक्टूबर को वह छुट्टियां मनाने के बाद लखनऊ से वापस ड्यूटी पर लौट रहे थे। इस दौरान जैसे ही वह जम्मू के रेलवे स्टेशन पर उतरे तो अचानक से उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।
सैनिक अस्पताल में उपचार के दौरान सुरेश ने तोड़ा दम
जिसके बाद अन्य लोगों ने उन्हें स्थानीय अस्पताल पहुंचाया जहां से सुरेश को आर्मी अस्पताल भेजा गया। वहीं बीते 8 अक्टूबर को उपचार के दौरान सुरेश ने जम्मू के आर्मी अस्पताल में दम तोड़ दिया। जैसे ही इस घटना की जानकारी सुरेश के परिजनों को मिली तो उनमें कोहराम मच गया वहीं उनके गांव समेत पूरे प्रदेश मे शोक की लहर दौड़ गई। बीते शुक्रवार की देर शाम नायब सूबेदार रविंद्र सिंह के नेतृत्व में सुरेश के पार्थिव शरीर को उनके गांव पहुंचाया गया। जहां पर बीते शनिवार की सुबह सरयू गोमती शमशान घाट पर कौसानी से आए सिग्नल कोर के जवानों ने उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। सुरेश की चिता को उनके बड़े भाई महेश सिंह और दर्शन सिंह ने मुखाग्नि दी, इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी।
सैनिक की अंतिम विदाई को लेकर प्रशासन ने नहीं की कोई व्यवस्था
बताते चलें पूर्व सैनिक संगठन ने सुरेश की अंत्येष्टि पर प्रशासन के न पहुंचने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जवान के अंतिम संस्कार में ना तो कोई प्रशासन और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी पहुंचा। जिसके कारण ग्रामीणों का गुस्सा भी फूटा उन्होंने कहा कि जवान की अंतिम विदाई को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। पूर्व सैनिक संगठन ने कहा कि भविष्य में इस तरह से सैनिक के सम्मान में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।