विडियो: अपनी गायन शैली से राष्ट्रीय कला उत्सव में ईशा धामी ने उत्तराखंड को दिलाया प्रथम स्थान
Published on
By
उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बात अगर भौगोलिक रूप से कठिन समझे जाने वाले पहाड़ी जिलों की ही करें तो भी पहाड़ की विपरीत परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद आज पहाड़ के नौजवान युवा लगभग हर क्षेत्र में न सिर्फ अपनी सफलता की कहानी लिख रहे हैं बल्कि समूचे उत्तराखण्ड को गौरवान्वित कर रहे हैं। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी मधुर आवाज एवं बेहतरी गायन शैली के बलबूते राष्ट्रीय कला उत्सव में एकल गायन शैली में प्रदेश को पहला स्थान दिलाकर समूचे प्रदेश को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के बागेश्वर जिले की रहने वाली ईशा धामी (Isha dhami) की, जिन्होंने न सिर्फ राष्ट्रीय कला उत्सव की एकल गायन शैली में न सिर्फ उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया बल्कि पूरे देश में पहला स्थान हासिल कर देवभूमि उत्तराखंड का गौरव भी बढ़ाया है। सबसे खास बात तो यह है कि ईशा ने इस प्रतियोगिता में कुमाऊनी शकुन आखर “सुवा रे सुवा..” को जिस तरह सुरबद्ध होकर अपनी मधुर आवाज में गाया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है। इसका अंदाजा आप कार्यक्रम की उस विडियो से भी लगा सकते हैं जो हम आपको दिखाने जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- लोकगायिका संगीता ढौंडियाल का बेहद खूबसूरत पहाड़ी गीत रमझमा रिलीज होते ही छा गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के मंडलसेरा की रहने वाली ईशा धामी ने राष्ट्रीय कला उत्सव की एकल गायन प्रतियोगिता में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर अपनी गायन शैली का ऐसा जलवा बिखेरा कि समूचे देश में उत्तराखंड को पहला स्थान हासिल हुआ है। बताया गया है कि प्रतियोगिता की विजेता के रूप में उन्हें शिक्षा मंत्रालय द्वारा 25 हजार की धनराशि के साथ-साथ प्रशस्तिपत्र और शील्ड से भी नवाजा जाएगा। बता दें कि आनलाइन माध्यम से आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली ईशा ने राजेंद्र प्रसाद के सानिध्य में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की। प्रतियोगिता में उनके साथ ढोलक पर भानू तिवारी ने संगत की जबकि धुव्र धामी ने मंजीरा बजाया। ईशा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। उनके द्वारा इस प्रतियोगिता में गाया गया सुवा ये सुवा बनखंडी सुवा.. एक कुमाऊनी शकुन आखर गीत है। बताते चलें कि शकुन आखर शादी-विवाह, जनेऊ, नामकरण सहित अन्य शुभ अवसरों पर उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में गाया जाने वाला एक पारंपरिक गीत है। जिसके माध्यम से गणेश पूजा के दौरान देवताओं और पितरों को आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड मूल की मशहूर अदाकारा रूप दुर्गापाल ने सुनाया जब एक सुपरहिट पहाड़ी गीत..
Ramnagar Lalkuan Mumbai vande Bharat : रामनगर, लाल कुआं से मुंबई तक 6 महीने में दौड़ेगी...
Aryan Juyal Ranji Trophy: उत्तर प्रदेश टीम की कमान संभाल रहे हल्द्वानी के आर्यन जुयाल ने...
Uttarakhand heli helicopter service : उत्तराखंड के बागेश्वर, नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार के लिए शुरू होगी हवाई...
Kedarnath by-election holiday Rudraprayag : रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ विधानसभा सीट पर आगामी 20 नवंबर को...
Lucky bisht bigg boss 18: मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले व Ex Raw...
Manoj bajpayee land property uttarakhand: मनोज बाजपेई द्वारा अल्मोड़ा में खरीदी गई जमीन के विवाद मे...