Uttarakhand highcourt divorce case: पति के नास्तिक होने पर पत्नी ने मांगा तलाक, कहा पति नही मानता धार्मिक रीति रिवाज, घर से मंदिर भी हटवाया..
nainital Woman poonam says husband bhuwan sanwal not believe god atheism divorce appeal highcourt case uttarakhand latest news today: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, जहाँ पर लोगों को अपने धर्म और देवी देवताओं पर अटूट विश्वास होता है। इतना ही नहीं बल्कि जब किसी पर कोई मुसीबत या परेशानी आती है तो वह सबसे पहले भगवान का ही ध्यान करता है। हालांकि कई सारे मामले ऐसे देखने को मिले हैं ,जहाँ पर कुछ चुनिंदा लोग अपनी हिंदू परंपरा का पालन नहीं करते हैं और ना ही भगवान पर विश्वास करते हैं। ऐसा ही कुछ अनोखा मामला नैनीताल जिले से सामने आया है, जहां पर हिंदू महिला ने अपने पति के नास्तिक होने पर उससे तलाक मांगा है। इतना ही नहीं बल्कि आस्था और विश्वास के टकराव से उत्पन्न यह अनोखा मामला अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहुंच गया है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल जिले की पूनम नाम की हिंदू महिला ने अपने पति भुवन चन्द्र सनवाल से तलाक़ माँगा है। हैरानी की बात तो यह है कि पूनम ने अपने पति से तलाक की मांग इसलिए की है क्योंकि उसका पति धार्मिक रीति रिवाज को नहीं मानता है। पूनम का कहना है कि उसका पति भुवन और ससुराल वाले स्वयंभू संत रामपाल के भक्त हैं और वह किसी भी हिंदू परंपरा का पालन नहीं करते हैं।
पूजा पाठ वाली है पूनम ससुराल वालों को नही देवताओं पर यकीन
जबकि पूनम धार्मिक महिला है जो पूजा पाठ करना चाहती है। पूनम ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि शादी के बाद उसे घर का मंदिर हटाने और देवताओं की मूर्तियां तक पैक कर बाहर रख देने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं बल्कि जब उसके बेटे का नामकरण संस्कार का समय आया तो पति ने यह कहकर इनकार कर दिया कि उनके आध्यात्मिक मार्ग में ऐसे संस्कारों की अनुमति नहीं है।
धार्मिक विश्वासों से समझौता नही करना चाहती पूनम, पति से माँगा तलाक़
धार्मिक विश्वासों से समझौता ना कर पाने पर पूनम ने पारिवारिक न्यायालय नैनीताल में तलाक की अर्जी दी, लेकिन वहां पर पूनम की अर्जी खारिज कर दी गई। इसके बाद पूनम ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। जिस पर मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैथाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में कहा गया कि दंपति के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना है। इसलिए दोनों को परामर्श काउंसलिंग के लिए भेजने के आदेश दिए गए हैं। ताकि दोनो के बीच समझौता हो सके व 7 वर्षीय बेटे के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो पाए।
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