Rudraprayag rain news today उत्तराखण्ड में बारिश ने मचाई तबाही, रूद्रप्रयाग में टूट गया पुल, पीसीएस परीक्षा देने निकले युवा बहते गदेरे को पार कर पहुंचे परीक्षा केंद्र
Rudraprayag rain news today उत्तराखण्ड में बीती रात से लगातार हो रही भारी बारिश से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तरकाशी जिले में जहां बादल फटने से भारी तबाही मची हुई है और दो मजदूरों की मौत होने के साथ ही 7 मजदूर अभी भी लापता बताए गए हैं। वहीं रूद्रप्रयाग जिले में भी भारी बारिश ने भारी तांडव मचाया है। रूद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक में मयाली–रणधार मोटर मार्ग पर बना अस्थायी पुल तेज़ बारिश के चलते कुणगाड़ गदेरे में बह गया। नतीजतन, बांगर पट्टी के करीब दो दर्जन गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया। हजारों ग्रामीण जहां घरों में कैद हैं, वहीं ज़रूरी सेवाओं की भी सप्लाई ठप हो गई है। इस बीच, रविवार को आयोजित हुई राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा (पीसीएस प्री) में शामिल होने निकले युवाओं को उफनते गदेरे को पार करना पड़ा। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जो व्यवस्थाओं की हकीकत को उजागर कर रहा है। यह भी पढ़ें- CharDham Yatra News: उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर 24 घंटे के लिए लगी रोक रहें सावधान!
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गांवों से परीक्षा केंद्रों की ओर निकलने वाले छात्र जब गदेरे के पास पहुंचे, तो बहाव देखकर हर कोई सहम गया। लेकिन परीक्षा छूटने का डर, साल भर की मेहनत और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के चलते युवाओं ने कमर कस ली। उन्होंने एक-दूसरे का सहारा लेकर उफनती धारा को पार किया। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा यह वीडियो जखोली विकासखण्ड का ही बताया जा रहा है जहां कुणगाड़ गदेरा उफान पर राज्य सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देने जा रहे युवाओं को गदेरा पार करने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डालनी पड़ी। यह भी पढ़ें- Uttarkashi Cloud Burst: उत्तरकाशी बड़कोट में फटा बादल 9 मजदूर लापता
प्रशासन की कार्रवाई और ग्रामीणों का रोष Rudraprayag pcs exam video rain news
हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने 48 घंटे में वैकल्पिक पैदल पुल तैयार करने का दावा किया है। एसडीआरएफ की टीम गदेरे के दोनों किनारों पर तैनात कर दी गई है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है। पिछले वर्षों में भी इसी जगह पर पुल बहा था, लेकिन आज तक स्थायी समाधान नहीं किया गया। इस पूरी घटना ने साफ कर दिया कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे की अनदेखी सिर्फ सड़क या पुल की समस्या नहीं है, यह एक परिवार के रोटी, रोजगार, शिक्षा और जीवन की लड़ाई है। ज़रूरत सिर्फ तात्कालिक राहत नहीं, स्थायी समाधान की है—ताकि अगली बारिश में किसी छात्र को ज़िंदगी दांव पर लगाकर परीक्षा देने न जाना पड़े। यह भी पढ़ें- Uttarakhand Weather Update IMD: उत्तराखंड में 3 जुलाई तक बारिश का भारी अलर्ट जारी