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Uttarakhand news: Pithoragarh teacher Babita accident Kichha pul bhatta canal car fall
Image : social media ( Pithoragarh teacher Babita accident)

UTTARAKHAND ROAD ACCIDENT

पिथौरागढ़: शिक्षिका ने बच्चों से जल्द आने का किया था वादा लेकिन अब मां कभी नहीं आएगी……

Pithoragarh teacher Babita accident: मानस एकेडमी की शिक्षिका बबीता पटियाल की सड़क हादसे में गई जिंदगी, दो बच्चों के सिर से उठा माँ का साया, बच्चों से जल्द घर लौटने का किया था वादा….  Pithoragarh teacher Babita accident Kichha : मां के साथ जाने की जिद कर रहे थे दो मासूम बच्चे मां ने जल्द आने का वादा किया था लेकिन अब वह कभी वापस नहीं आ सकेगी। जी हां यह हृदय विदारक घटना हुई है पिथौरागढ़ की एक शिक्षिका बबीता के साथ जो कि अपने भाई के पीपल पानी में शामिल होने के लिए जा रही थी और सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के धनौडा गांव की निवासी 32 वर्षीय बबीता पटियाल के मुरादाबाद में रहने वाले भाई की कुछ दिन पहले जिंदगी चली गई थी । जिसके चलते बीते शुक्रवार को बबीता अपने पति विजेंद्र पटियाल व वड्डा निवासी चाचा- चाची भुवन चंद्र, चंद्रकला चौसाली और अशोक लाल साह के साथ कार से मुरादाबाद के लिए निकले थे। दरअसल मुरादाबाद निकलने से पहले बबीता का 10 वर्षीय बेटा वंश और चार वर्षीय बेटी वंशिका भी उनके साथ जाने की जिद कर रहे थे हालांकि बबीता ने किसी तरह से दोनो को समझाया और खुद के जल्द लौट आने की बात कहते हुए अन्य परिजनों के साथ मुरादाबाद के लिए निकल गई। तभी उनकी कार 9:30 बजे जैसे ही उधम सिंह नगर जिले के किच्छा पुलभट्टा के पास NH 74 सितारगंज रोड पर शंकर फॉर्म के पास पहुंची तो कार की तेज गति व मोड होने के कारण अनियंत्रित होकर सीधा नहर में जा गिरी जिसके चलते हादसे में बबीता की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कार में सवार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो। वहीं बबीता का शव आज उनके घर ले जाया जा रहा है। जबकि बबीता के पति विजेंद्र पटियाल को उपचार के लिए दिल्ली के अस्पताल भेजा गया है ।

जिस विद्यालय में बबीता पढ़ाती थी उसी में पढ़ते हैं बच्चे(Teacher Babita Pithoragarh)

जानकारी के मुताबिक बबीता पिथौरागढ के मानस  एकेडमी में शिक्षिका के पद पर तैनात थी जिनके दोनो बच्चे उसी स्कूल मे पढ़ते है जहाँ पर उनका बेटा वंश कक्षा पांचवी का छात्र है और बेटी वंशिका केजी मे पढ़ती है। वंश और वंशिका को इस बात की भनक तक नहीं है कि उनकी मां घर से निकलते वक्त जो वादा करके गई थी वह वादा उनकी मौत के बाद से अधूरा रह गया है और दोनो बच्चों के सिर से हमेशा के लिए माँ का साया उठ चुका है । इस घटना के बाद से पूरे विद्यालय परिसर समेत पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है वहीं दूसरी ओर बबीता के परिजन गहरे सदमे में है।

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