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rishikesh Karnaprayag railway line project new record in August month 504 mtr rail tunnel progress update
Image : social media ( Rishikesh Karnaprayag railway Tunnel)

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Rishikesh Karnaprayag rail: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट अगस्त में बनी 504 मी0 सुरंग

Rishikesh Karnaprayag railway Tunnel: ऋषिकेश कर्णप्रयाग सिंगल ब्रॉड गेज रेल लाइन लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने सुरंग निर्माण में बनाया नया विश्व रिकॉर्ड, 504.2 मी आरसीसी लाइनिंग का बना रिकॉर्ड..

rishikesh Karnaprayag railway line project new record in August month 504 mtr rail tunnel progress update: उत्तराखंड में रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी बीच ऋषिकेश कर्णप्रयाग सिंगल ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना में मील का पत्थर स्थापित करते हुए लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने सुरंग निर्माण के क्षेत्र में एक नया विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। दरअसल कंपनी ने अगस्त में एक ही 12. 01 मीटर गैंट्री का उपयोग करके 504.2 मीटर आरसीसी (रेइनफोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट) सुरंग लाइनिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) के तहत एक ही गैंट्री प्रणाली से हासिल की गई अब तक की सबसे अधिक मासिक प्रगति 504.2 मीटर आरसीसी को माना जा रहा है। दरअसल यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पैकेज 2 के तहत एस्केप टनल शिवपुरी से गूलर में दर्ज की गई है। यह सुरंग हिमालय की तलहटी को चारधाम तीर्थ मार्ग से जोड़ने वाली रणनीतिक रेल कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस रिकॉर्ड के साथ-साथ एल एंड टी ने बीते माह अगस्त में सभी कार्य स्थलों का कुल 1,374.8 मी आरसीसी लाइनिंग की प्रगति भी दर्ज की है जो परियोजना के सभी 10 पैकेजों में सबसे अधिक है।

जनवरी मे दर्ज हुआ पिछला रिकॉर्ड

इतना ही नहीं बल्कि 1337 मी पिछला रिकॉर्ड जनवरी 2025 में पार किया गया था। बताते चले प्रोजेक्ट के मैनेजर राजेश चोपड़ा ने इस विशेष उपलब्धि को कंपनी की इंजीनियरिंग और उत्कृष्ट के साथ सटीक योजना और निरंतर निष्पादन का प्रमाण बताते हुए कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद उनकी टीम ने लॉजिस्टिक चुनौतियों को दृढ़ता के साथ पर किया है। इस महीने यानी सितंबर मे इस टनल को रेलवे को सौंप दिया जाएगा। जबकि दिसंबर में गूलर से व्यासी टनल को रेलवे के पास सौंपा जाएगा।

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