Uttarakhand China Border Road: बीआरओ के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद उत्तरकाशी जिले से लगी चीन सीमा पर मई माह से शुरू होगा सड़क निर्माण का कार्य, इस प्रोजेक्ट के तहत बनाई जाएगी लगभग डेढ़ सौ करोड़ की लागत से 16 किमी सड़क…
केंद्र सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। सच कहा जाए तो आज देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए न केवल सैनिक आवश्यक है बल्कि वहां तक सड़क, रेल एवं हवाई सेवाओं की व्यवस्था होने भी बहुत जरूरी है। ताकि विपरीत परिस्थितियों में जल्द से जल्द देश की सेनाओं को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा सके। इसी को मद्देनजर रखते हुए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इसी क्रम में अब सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा पर सड़कों का निर्माण होने जा रहा है। बताया गया है कि उत्तरकाशी से लगी चीन सीमा तक सड़क के निर्माण के लिए बीआरओ के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी भी मिल चुकी है, जबकि दूसरा प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए निदेशालय भेजा गया है। दोनों प्रोजेक्ट के तहत बीआरओ द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में 30 किमी से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
(Uttarakhand China Border Road)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार चीन सीमा तक सड़कों का जाल बिछाने के लिए बीआरओ के एक प्रोजेक्ट को निदेशालय द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। मंजूरी मिलने के पश्चात लगभग डेढ़ सौ करोड़ की लागत के इस प्रोजेक्ट के तहत 16 किमी सड़क का निर्माण कार्य आगामी मई माह से शुरू होने जा रहा है। इस संबंध में बीआरओ के मेजर बीनू वीसी ने बताया कि सीमा पर सड़क निर्माण के लिए एक प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है, जिसका निर्माण कार्य मई से शुरू कर दिया जाएगा। उधर दूसरी ओर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा भारत माला प्रोजेक्ट के तहत भैरव घाटी से आगे नेलोंग, नागा, अंगार, पीडीए को जोड़ने वाला मार्ग मेडिके (भारत-चीन सीमा) को भी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद लगभग 61 किमी लम्बे इस सड़क मार्ग को भी अब सोनम से आगे डबल लेन बनाया जाएगा। विदित हो कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा हाल ही में राज्य की छः प्रमुख सड़कों को भी एनएच में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है।(Uttarakhand China Border Road)
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