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Uttarakhand news: Singtali bridge rishikesh connecting Garhwal Kumaon not built villagers stop Chardham Yatra.
Image : social media ( Singtali bridge news rishikesh)

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Uttarakhand: 24 सालों में नहीं बन पाया सिंगटाली पुल ग्रामीणों ने दी चारधाम यात्रा रोकने की धमकी

Singtali bridge news rishikesh  : टिहरी पौड़ी के बीच सिंगटाली पुल के निर्माण मे 24 सालों से हो रही देरी, 35 लाख लोगों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना, 27 अप्रैल से शुरू हुआ आंदोलन...

Singtali bridge rishikesh news   : उत्तराखंड के टिहरी और पौड़ी के बीच करीब 35 लाख की आबादी को राहत देने वाले सिंगटाली पुल का निर्माण 24 साल गुजर जाने के बाद भी नहीं हो पाया है इतना ही नहीं बल्कि स्वीकृति के बाद भी दोनों जिलों समेत कुमाऊं तक को लाभान्वित करने वाले इस पुल का निर्माण राजनीति की फेर में अधर पर लटका हुआ है जिसके लिए अब लोगों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही यह लड़ाई अब आर पार की लड़ाई हो गई है जिसको लेकर लोगों में आक्रोश बना हुआ है।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते 27 अप्रैल को सिंगटाली पुल को लेकर करीब 400 लोगों ने धरना दिया जिस पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार मोटरपुल को लटकाने का कार्य कर रही है यदि 15 दिन के भीतर मोटर पुल को लेकर टेंडर जारी नहीं हुआ तो वह चारधाम यात्रा के लिए वाहनों को रोक देंगे। दरअसल बीते शुक्रवार को बीटीसी स्थित प्रेस क्लब में इस पुल को लेकर संघर्ष समिति और मूल निवास एवं भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के सदस्यों ने वार्ता की जिसमें उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 मे एनडी तिवारी सरकार ने 21 किलोमीटर एप्रोच रोड और गंगा पर पुल निर्माण की स्वीकृति मिली थी । दरअसल यह पुल टिहरी और पौड़ी को आपस में जोड़ने के साथ ही कुमाऊं तक की पहुंच भी आसान करता है हालांकि चार लोकसभा और 35 विधानसभा की करीब 35 लाख की आबादी को इस पुल का लाभ मिलता है लेकिन राजनीति के फेर में इस पुल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। वर्ष 2018 में पुल निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया के दौरान एक संस्था ने आपत्ति लगाई तो तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका निर्माण स्थल करीब 3 किलोमीटर दूर कर दिया था। वहीं वर्ष 2021 में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस आदेश को निरस्त करते हुए पूर्व स्थान पर पुल निर्माण के निर्देश दिए। इस बीच पुल तो नहीं बन पाया मगर आंदोलनरत स्थानीय लोगों को सीएम पुष्कर सिंह धामी चुनाव के दौरान मौजूदा गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने निर्माण शीघ्र शुरू होने का भरोसा दिया था लेकिन आज तक यह कार्य सिर्फ भरोसे पर ही चल रहा है जिसे अभी तक धरातल पर नहीं उतारा गया है। इसी वर्ष मार्च में करीब 58 करोड रुपए की डीपीआर पुल निर्माण के लिए शासन को भेजी गई है लेकिन अभी इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है जबकि 2006 में पुल के लिए 15 करोड़ 80 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे जिसमें करीब 11 करोड रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। लोगों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द इस पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा जिसका असर चार धाम यात्रा के वाहनों पर भी देखने को मिल सकता है।

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