Suraj Mehra Navy Lieutenant: बेरीनाग के सूरज मेहरा नेवी मे बने सब लेफ्टिनेंट पहले प्रयास में उत्तीर्ण की थी एनडीए परीक्षा, बचपन से मेधावी छात्र रहे सूरज..
Suraj Mehra of berinag Pithoragarh Sub Lieutenant Indian Navy, passed NDA exam first attempt passout INA Ezhimala, Kerala uttarakhand live news today: उत्तराखंड को वीरों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां के अधिकांश युवा भारतीय सेना, नौ सेना, जल सेना ,थल सेना जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शामिल होकर अपना विशिष्ट योगदान देते हैं। इतना ही नहीं बल्कि वो प्रदेश के अन्य युवाओं के लिए भी आए दिन प्रेरणास्रोत बन रहे है जिन पर सभी को गर्व होता है। हम आए दिन आपको ऐसे ही होनहार युवाओं से रूबरू करवाते रहते जिन्होंने किसी विशिष्ट क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की हो। आज हम आपको पिथौरागढ़ जिले के सूरज मेहरा से रूबरू करवाने वाले हैं जो भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बने हैं।
यह भी पढ़े :बधाई: पिता हवलदार बेटा बनेगा सेना में अफसर RIMC देहरादून से पढ़ाई कर बना NDA टॉपर
Suraj Mehra berinag Pithoragarh Navy sub Lieutenant: अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर उडियारी गांव के निवासी सूरज मेहरा पुत्र नारायण सिंह महरा भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बने हैं। सूरज केरल के कन्नूर में 3 वर्ष के प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने, जहां पर पीओपी में सूरज को परेड कमांडर और बेस्ट स्टूडेंट का पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस दौरान पासिंग आउट परेड में सूरज के पिता पूर्व सैनिक नारायण सिंह महरा और उनकी माता विमला देवी भी मौजूद रही।
सूरज ने अपने पहले प्रयास मे हासिल की सफलता ( pithoragarh suraj mehra)
सूरज ने 12वीं तक की पढ़ाई हिमालया इंटर कॉलेज चौकोडी पिथौरागढ़ से पूरी की जिसके बाद उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। सूरज ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में मेरिट में अपनी जगह बनाई थी जिसका श्रेय उन्होंने अपने परिजनों समेत समस्त गुरुजनों को दिया था। सूरज शुरू से ही मेधावी छात्र रहे जो हमेशा ही परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होते थे। सूरज ने कोविड में बिना कोचिंग के स्वयं अध्ययन कर NDA परीक्षा में विशेष उपलब्धि हासिल की।
बचपन से मिली NDA मे जाने की प्रेरणा ( pithoragarh suraj mehra NDA)
सूरज ने बताया उन्हें बचपन से कॉलेज के संरक्षक चंद्र सिंह कार्की और देवबाला बिष्ट ने NDA मे जाने की प्रेरणा दी थी। इतना ही नहीं बल्कि सूरज के दादा जीत सिंह महरा भी पूर्व सैनिक रह चुके हैं। सूरज की इस सफलता के बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है वहीं पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल बरकरार है।
उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।