Uttarakhand ration distribution 2025: उत्तराखंड के 22 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को जून में मिलेगा 3 महीने का राशन एक साथ, जानें क्या है वजह..
Uttarakhand ration distribution 2025: केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों के राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि उत्तराखंड के 22 लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को सरकार की ओर से मिलने वाला राशन जून में ही 3 महीने का एक साथ राशन देने की तैयारी है जिसके लिए सभी राज्यों को आदेश दे दिए गए हैं। इसके तहत 30 जून तक सभी राज्यों को अपने उपभोक्ताओं को अगस्त माह तक का अनाज देना होगा।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रालय के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से पत्र जारी किया गया है जिसमे कहा गया है कि अक्सर जून से अगस्त के बीच बारिश का सिलसिला जारी रहता है जिसमे कई बार बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहता है जिसके चलते कई जगह पर मार्ग तक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिनको ध्यान में रखते हुए व गरीब तथा जरूरतमन्द नागरिकों के लिए खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसलिए सरकार ने 3 महीने का राशन एक साथ उपभोक्ताओं को देने का अहम फैसला लिया है। इतना ही नहीं बल्कि इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान भी लोगों को दो से तीन महीने का राशन एक साथ दिया गया था। केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपनिदेशक राहुल सिंह का आदेश बीते शनिवार को राज्य सरकार को मिल गया है जिसके चलते जून के अंत तक राशन को वितरण करने के लिए कहा गया है जिसकी पुष्टि खाद्य पीएस आयुक्त ने की है। उन्होंने बताया कि राज्य में अगले तीन महीने का राशन पूरी मात्रा में उपलब्ध है जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश में 12 लाख से ज्यादा कार्ड धारक है जबकि खाद्य योजना एसएफएसएस के तहत कार्ड की संख्या 10 लाख के करीब है जिसमें कार्ड धारकों को राज्य सरकार स्वयं रियायती मूल्य पर गेहूं चावल उपलब्ध करती है जो राशन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बताते चले एनएफएसएफ के तहत राशन कार्ड में दर्ज प्रति व्यक्ति को ₹2 किलो के हिसाब से 2 किलो गेहूं और ₹3 किलो के हिसाब से 3 किलो चावल मिलता है जबकि कोरोना काल से सरकार इस राशन को निशुल्क दे रही है वहीं एसएफएसएस के तहत प्रति राशन कार्ड ₹11 किलो के हिसाब से 7.5 किलो चावल मिलता है जिसका लाभ उपभोक्ता उठाते हैं।
रचना भट्ट एक अनुभवी मिडिया पेशेवर और लेखिका हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और समाज, संस्कृति समसामयिक मुद्दों पर अपने विश्लेषणात्मक लेखन के लिए जानी जाती हैं।