Berinag Pithoragarh Leopard Attack: पोती की ढाल बनी दादी, तेंदुए के हमले से बचाई 9 वर्षीय योगिता की जिंदगी…
yogita saved by her grandmother Govindi leopard guldar attack berinag Pithoragarh Uttarakhand news live today: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार गुलदार ,तेंदुए जैसे जंगली जानवरों के हमले आत्मघाती साबित हो रहे है। जिसके चलते अभी तक कई सारे लोग आदमखोर जंगली जानवरों का शिकार हो चुके हैं। ऐसी ही कुछ खबर पिथौरागढ़ जिले से सामने आ रही है, जहां पर मासूम बच्ची पर तेंदुए ने हमला कर दिया वो तो गनीमत रही की बच्ची की दादी की सूझबूझ के चलते बच्ची की जान बच गई अन्यथा बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के डुगरिया गांव की निवासी 9 वर्षीय योगिता अपनी दादी गोविंदी देवी के साथ किसी काम से बीते रविवार की रात करीब 8:00 बजे घर के बाहर आंगन मे गई थी। तभी इस दौरान रात के अंधेरे में आंगन के नजदीक घात लगाए बैठे तेंदुए ने अचानक से योगिता पर झपट्टा मार दिया और उसे अपने पंजों में दबोच लिया। इस दौरान अपनी पोती को तेंदुए के चंगुल से छुड़ाने के लिए गोविंदी देवी ने बिना अपनी जान की परवाह किए पोती को बचाने के लिए दौड़ लगाई और तेंदुए को चुनौती देते हुए पूरी ताकत से चीखकर मदद की गुहार लगाई।
गोविंदी देवी ने मचाया शोर, तेंदुआ डरकर भागा
गोविंदी देवी का शोर सुनते ही अन्य ग्रामीण तुरंत मौके पर घटनास्थल पहुंचे जिन्हें देखकर तेंदुआ डर गया और उसने बच्ची को छोड़ दिया। हालांकि तेंदुए और बच्ची के बीच चले इस संघर्ष में योगिता के पैर में गहरे घाव हो गए लेकिन दादी की सूझबूझ और अदम्य साहस के कारण योगिता की जान बच गई। स्थानीय लोगों द्वारा बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस तहसील क्षेत्र में लंबे समय से तेंदुए की सक्रियता बनी हुई है। जिसके चलते बजेत व पीपली मे दो बच्चे तेंदुए का शिकार हो चुके हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।