Uttarakhand G20 Summit: उत्तराखंड में हो रहे G20 सम्मेलन में विदेशी मेहमानों का आगमन हुआ शुरू ,बेडू पाको बारामासा की धुन पर किया गया मेहमानों का स्वागत
देवभूमि उत्तराखंड के लिए यह बड़े ही गर्व की बात है कि G20 कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर प्रदेश को मिला है। उत्तराखंड में हो रहे जी-20 कार्यक्रम ने हमारे क्षेत्र पर वैश्विक प्रकाश डाला है।रामनगर मे जी-20 सम्मेलन के बाद एक बार फिर देहरादून एयरपोर्ट पर विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बता दे कि नरेंद्र नगर में हो रहे जी-20 सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए रविवार को अलग-अलग फ्लाइटों से कुल 37 मेहमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। जहां विदेशी मेहमानों का स्वागत पारंपरिक तरीकों से किया जा रहा है। कलाकारों ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगीत बेडु पाको बार मासा… की धुन पर सभी का स्वागत किया। इस धुन पर सभी मेहमान कलाकारों के साथ खूब थिरके।बता दे कि एक बार फिर इस गीत का जादू हर किसी की जुबां पर चढ़ने लगा है। बताते चले कि बेडु पाको बारा मासा उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध कुमाऊँनी लोकगीत है।जो कि मोहन उप्रेती एंव बृजमोहन शाह द्वारा संगीतबद्ध है।इस गीत को दुनिया भर में उत्तराखंडियों द्वारा सुना जाता है। इस गीत को स्व. बृजेन्द्र लाल शाह द्वारा लिखा गया था।वर्ष 1952 में राजकीय इंजर कॉलेज नैनीताल के मंच पर इस गीत को पहली बार गाया गया था।इसके पश्चात इस गीत को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में एक अंतरराष्ट्रीय सभा के सम्मान में प्रदर्शित किया गया था, जिसके बाद इस गीत को ज्यादा सुर्खियां मिली थी।(Uttarakhand G20 Summit)
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वही इस गीत की रिकॉर्डिंग सभी मेहमानों को स्मारिका के रूप में भी प्रदान की गई थीं। यही नही यह गीत भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा गीतों में से एक था।अभी तक मिली जानकारी के अनुसार चार विदेशी मेहमान रविवार को दोपहर 12:10 बजे की इंडिगो की फ्लाइट से लखनऊ से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। इसके बाद विस्तारा की दोपहर 2:53 बजे फ्लाइट से आठ डेलीगेट्स ,दोपहर 2:59 बजे फ्लाइट से 22 डेलीगेट्स और शाम 3:00 बजे की फ्लाइट से तीन विदेशी मेहमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे।यहां स्थानीय कलाकारों द्वारा तिलक लगाकर तथा तुलसी की माला पहनाकर सभी मेहमानो का स्वागत किया। इसके बाद कलाकारों द्वारा गढ़वाली, कुमांऊनी और जौनसारी नृत्य की प्रस्तुति भी दी गई।