Uttarakhand Panchayat Elections Stays : नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव पर लगाई रोक, आरक्षण नियमावली नोटिफिकेशन जारी न होने पर अटका मामला..
Uttarakhand Panchayat Elections Stays : उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट की ओर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि आरक्षण नियमावली का नोटिफिकेशन जारी न होने के कारण हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। गौर हो कि अभी बीते शुक्रवार को ही राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी 3 जुलाई को पहले चरण का आवंटन करने व 10 जुलाई को सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पहले चरण का चुनाव संपन्न कराने तथा दूसरे चरण का प्रतीक आवंटन 8 जुलाई को और मतदान 15 जुलाई को संपन्न कराने समेत 19 जुलाई को मतगणना की अधिसूचना जारी की थी जो सब धरा का धरा रह गया।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज सोमवार को राज्य त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण के रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिकाओं पर सुनवाई की है जिस पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने आरक्षण के नियमों के तहत आरक्षण तय नहीं होने पर पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है इसके साथ ही सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। इससे पहले बीते शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से इस स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा था लेकिन राज्य सरकार इसमें असफल रही जिस पर कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने चुनाव की तिथि तो निकाल दी लेकिन यह मामला कोर्ट में अब भी जारी रहा जिसके कारण इस पर रोक लगा दी गई है।
हाई कोर्ट में चल रहा मामला (Uttarakhand Panchayat Elections Stays)
बताते चले बागेश्वर के निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी करते हुए पंचायत चुनाव को लेकर एक नियमावली बनाई जिसमें 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव हेतु आरक्षण रोटशन शून्य घोषित किया गया और इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया गया लेकिन हाई कोर्ट ने पहले से ही इस मामले में आदेश दिए हैं जिसके कारण पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है जिसके कारण वह पंचायत चुनाव में प्रतिभाग नहीं कर पा रहे हैं।
सूचना जारी होने से पहले कोर्ट ने दिया झटका
बस इसी पूरे मामले मे याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने खंडपीठ में 9 जून को जारी नियमों को चुनौती देते हुए 11 जून के आदेश में नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख करते हुए उसे चुनौती दी थी। हालांकि राज्य सरकार की ओर से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी जिस पर 21 जून को अधिसूचना जारी होने के बाद 23 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव की सूचना जारी करनी थी लेकिन उससे पहले ही हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है।