Uttarakhand Panchayat Elections Update : पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने दी चुनाव कराने की अनुमति, जल्द जारी होगा चुनाव का नया कार्यक्रम..
Uttarakhand Panchayat Elections Update : उत्तराखंड के नैनीताल हाई कोर्ट की ओर से इस वक्त की बड़ी खबर पंचायत चुनाव को लेकर सामने आ रही है जहां पर हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटाते हुए चुनाव करवाने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है जिसके चलते अब जल्द ही सरकार द्वारा पंचायत चुनाव का नया कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
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बताते चलें बीते 21 जून को राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में चुनाव का कार्यक्रम तय कर लिया था जिसके तहत 3 जुलाई को पहले चरण का आवंटन किया जाना था वहीं 10 जुलाई को सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पहले चरण का चुनाव संपन्न होना था जबकि दूसरे चरण का प्रतीक आवंटन 8 जुलाई को और मतदान 15 जुलाई को संपन्न होना था वहीं 19 जुलाई को मतगणना की जानी थी जिसके चलते हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में ग्राम प्रधान सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य जिला पंचायत सदस्य के पद पर चुनाव होना प्रस्तावित हुआ था लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी जिस पर आज 27 जून को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने को लेकर अनुमति दे दी है और अब जल्द ही चुनाव का नया कार्यक्रम तय किया जाएगा जिसके आधार पर हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में जल्द पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
आज विभिन्न याचिकाओं पर हुई सुनवाई
आज 27 जून शुक्रवार को त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई जिसमें मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए चुनाव पर लगे स्टे को वापस लिया है। वही निर्वाचन आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को 3 दिन आगे बढाते हुए चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा है।
राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं का तीन हफ्ते के भीतर देना होगा जवाब
इसके अलावा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा है कि अगर किसी प्रत्याशी को इस पर आपत्ति होती है तो वह कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रख सकता है। इसके साथ ही सुनवाई में ब्लॉक प्रमुख सीटों का आरक्षण करने और जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण निर्धारित न कर पाने पर भी गंभीर सवाल किए गए हैं। कोर्ट का कहना है कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव एक ही तरीके से होता है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया की राजधानी देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में ग्राम प्रधानों की 63 फीसदी सीटें आरक्षित की गई है। आरक्षण रोस्टर में कई सीटों के लंबे समय से एक ही वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलने का उल्लेख किया गया था जिसे संविधान के अनुच्छेद 243 व सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर आदेशों के खिलाफ बताया गया है।
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