Uttarakhand School fees News : प्राइवेट स्कूलों की पढाई 41 फीसदी हुई महंगी, कॉपी पेंसिल से लेकर हर वस्तु की बढ़ी कीमत, महंगी हुई फीस…. Uttarakhand School fees News : उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस से लेकर कॉपी पेंसिल बॉक्स रबर बेल्ट जुराब हर जरूरतमंद चीजों के दाम कुछ इस कदर उछाल मार रहे हैं कि परिजन इन्हें खरीदने से पहले कतराते हुए नजर आ रहे है । दरअसल प्रदेश में पिछले पांच सालों की तुलना में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई 41 फीसदी से अधिक महंगी हो गई है। वहीं स्कूलों की बढ़ती हुई फीस ने भी परिजनों के पसीने छुटवा दिए हैं। जिसके चलते उनकी एडमिशन सीजन में परेशानी दुगनी बढ़ गई है। इतना ही नहीं बल्कि बढ़ती फीस और स्कूली बच्चों की जरूरतमंद चीजों ने घर परिवार के बजट को भी हिला कर रख दिया है । स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि अभिभावक अपने बच्चों को नई ड्रेस नए बैग की जगह पुरानी चीजों को इस्तेमाल करने के लिए मना रहे हैं ताकि उनका खर्चा बच सके। वही इस पर बहुत सारे लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं।
बता दें नैनीताल रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत ललित मोहन जोशी का कहना है कि अभिभावक अपने खाने-पीने में कटौती कर सकते हैं लेकिन बच्चों की शिक्षा से समझौता करना किसी भी अभिभावक को मंजूर नहीं है क्योंकि हर किसी के अभिभावक को यही चाहिए कि उसका बच्चा ऐसी स्कूल में पढ़े जहां पर उसे बेहतर शिक्षा मिलती है। लेकिन स्कूल की फीस और शिक्षा सामग्री की बढ़ती कीमतों ने सभी को परेशान कर रखा है। वहीं दूसरी ओर दीप स्टेशनरी के मालिक कहते है कि कॉपी पेंसिल समेत कई चीजों के दामों में वृद्धि हुई है जिससे अभिभावक मोलभाव करने में लगे हुए हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाए जाने से लेकर महंगी किताबें स्टेशनरी खरीदने के लिए मजबूर किए जाने पर शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है जिसके तहत बीते सोमवार की दोपहर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉक्टर मुकुल सती ने सभी सीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल फीस और किताबों को लेकर तय मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को नोटिस के साथ मान्यता निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। बताते चले सीबीएसई से 18 अक्टूबर 2018 को अधिसूचना में फीस को लेकर स्पष्ट प्रावधान रखा गया है जिसके अनुसार इस सीमा तक फीस लिए जाने का प्रावधान है जिससे स्कूल संचालन से जुड़े खर्च पूरे हो। जिनका पालन करना अनिवार्य रखा गया है।
स्कूल फीस का मानक(Uttarakhand School Fees Standard)
1- एक बार एडमिशन के बाद दोबारा प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा इसके साथ ही काशन मनी के रूप में भी कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। 2- वही स्कूल में केवल 3 साल में एक बार अधिक से अधिक 10% तक ही फीस वृद्धि का अधिकार होगा। 3- कोई समिति न्यास कंपनी स्कूल छात्रों के एडमिशन के लिए प्रति व्यक्ति शुल्क वसूल नहीं करेगा और ना ही चंदा लेगा । 4- यदि जिसके पास पुरानी किताबें हैं तो उसे नई किताबें लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
० इसके अलावा सहायक पुस्तक महंगी नहीं होनी चाहिए।
रचना भट्ट एक अनुभवी मिडिया पेशेवर और लेखिका हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और समाज, संस्कृति समसामयिक मुद्दों पर अपने विश्लेषणात्मक लेखन के लिए जानी जाती हैं।