स्वच्छता एवं विकास के मामले में उत्तराखण्ड का यह गांव है मिसाल, यहां के ग्राम प्रधान भी बेमिसाल
इसलिए खास है कुसौली ग्राम-
बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के विण विकासखंड में एक सुंदर सा गांव है कुसौली, जिसको अगर स्मार्ट गांव बोला जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि कुसौली ग्राम पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है। विकास के लिए पैसों का सदुपयोग कैसे किया जाता है यह इस गांव में देखने को मिलता है। इतना ही नहीं स्वच्छ भारत अभियान भी इस गांव में पूरी तरह सार्थक सिद्ध हुआ है।
223 परिवारों के इस गांव में प्रत्येक परिवार के पास कूड़ा निस्तारण के लिए जहां अलग-अलग कूडादान मौजूद है वहीं गांव में 8 स्थानों पर सार्वजनिक कूड़ेदान भी रखें गए है और नालियों को भी पाटलों से पूरी तरह ढका हुआ है। गांव के रास्ते एवं सड़कों की साफ-सुथरी स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के ग्रामीण स्वच्छता के प्रति कितने जागरूक हैं क्योंकि यहां का कोई भी व्यक्ति गांव के रास्ते एवं सड़कों पर कूड़ा नहीं फेंकता। इसके अलावा जैविक खाद के लिए गांव में 80गड्डे एवं 25 सोकपिट भी लगाए गए हैं जिसके लिए जिले के विभिन्न अधिकारी ग्राम प्रधान के साथ ही ग्रामीणों को भी बधाई दे चुके हैं।
अब तक मिल चुके हैं ये पुरस्कार-
उपरोक्त सुविधाओं के अलावा गांव की सुंदरता को बढ़ाने एवं और अधिक आकर्षक बनाने के लिए गांव के विभिन्न सरकारी भवनों जैसे- स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र एवं पंचायत भवन आदि की दीवारों को सुंदर पेंटिंग के द्वारा भी सजाया गया है। इन सभी सुविधाओं के चलते कुसौली ग्राम पंचायत अब तक कई महत्वपूर्ण पुरस्कार अपने नाम कर चुका है। जिनमें मुख्य रूप से साल 2012 में मिला निर्मल ग्राम पुरस्कार एवं 2018 में मिलें राज्य स्वच्छता गौरव पुरस्कार, उत्कृष्ट ग्राम पंचायत पुरस्कार शामिल हैं।