Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

अल्मोड़ा

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड का तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर नृसिंह मन्दिर बनकर हुआ तैयार






पौराणिक एंवम लौकिक तत्वों के मिश्रित रूप में नर सिंह देवता की पूजा गढ़वाल क्षेत्र में की जाती है। कुमांऊ क्षेत्र में भी कुछ जगहों पर नृसिंह देवता को पूजा जाता है। नृसिंह देवता का मूल उद्गम जोशीमठ में माना जाता है और इसका प्राचीन मंदिर भी जोशीमठ में ही स्थापित है। यहां ८वीं सदी में धर्मसुधारक आदि शंकराचार्य को ज्ञान प्राप्त हुआ और बद्रीनाथ मंदिर तथा देश के विभिन्न कोनों में तीन और मठों की स्थापना से पहले यहीं उन्होंने प्रथम मठ की स्थापना की। जाड़े के समय इस शहर में बद्रीनाथ की गद्दी विराजित होती है जहां नरसिंह के सुंदर एवं पुराने मंदिर में इसकी पूजा की जाती है।




मंदिर का नवनिर्माण: जोशीमठ में भगवान नृसिंह का नया मंदिर बनकर तैयार हो गया है।अब18 अप्रैल को बदरीश पंचायत सहित अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान नृसिंह इस मंदिर मे विराजमान होंगे। इस नवनिर्मित मंदिर के पत्थरों पर हिमाद्रि शैली की शानदार नक्काशी की गई है। आपको बताते चले की वर्ष 2012 में भी नरसिंह देवता के मंदिर का कार्य शुरू किया गया था ,जो की गाजियाबाद की निर्माण एजेंसी के अधीन था, लेकिन कार्य समय से शुरू ना कर पाने की वजह से समिति ने अपनी अलग निर्माण इकाई बनाकर यह कार्य स्वयं शुरू कर दिया।




उत्तराखंड में तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर: नवनिर्मित नृसिंह मंदिर उत्तराखंड का तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर है। इसकी  ऊंचाई  68 फीट है। पहले स्थान पर 72 फीट ऊंचा केदारनाथ मंदिर है, जबकि दूसरा स्थान गोपेश्वर स्थित 71 फीट ऊंचे गोपनाथ मंदिर का है।




ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व:  राजतरंगिणी के अनुसार 8वीं सदी में कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ द्वारा अपनी दिग्विजय यात्रा के दौरान प्राचीन नरसिंह मंदिर का निर्माण उग्र नरसिंह की पूजा के लिये हुआ जो विष्णु का नरसिंहावतार है। जिनका परंतु इसकी स्थापना से संबद्ध अन्य मत भी हैं। कुछ कहते हैं कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी, जब वे स्वर्गरोहिणी की अंतिम यात्रा पर थे। दूसरे मत के अनुसार इसकी स्थापना आदि गुरू शंकराचार्य ने की क्योंकि वे नरसिंह को अपना ईष्ट मानते थे।




इस मंदिर की वास्तुकला में वह नागर शैली या कत्यूरी शैली का इस्तेमाल नहीं दिखता है जो गढ़वाल एवं कुमाऊं में आम बात है। यह एक आवासीय परिसर की तरह ही दिखता है जहां पत्थरों के दो-मंजिले भवन हैं, जिनके ऊपर परंपरागत गढ़वाली शैली में एक आंगन के चारों ओर स्लेटों की छतें हैं। यहां के पुजारी मदन मोहन डिमरी के अनुसार संभवत: इसी जगह शंकराचार्य के शिष्य रहा करते थे तथा भवन का निर्माण ट्रोटकाचार्य ने किया जो ज्योतिर्मठ के प्रथम शंकराचार्य थे। परिसर का प्रवेश द्वार यद्यपि थोड़ा नीचे है, पर लकड़ी के दरवाजों पर प्रभावी नक्काशी है जिसे चमकीले लाल एवं पीले रंगों से रंगा गया है।




परिसर के भीतर एक भवन में एक कलात्मक स्वरूप प्राचीन नरसिंह रूपी शालीग्राम को रखा गया है। ईटी. एटकिंस वर्ष 1882 के दी हिमालयन गजेटियर में इस मंदिर का उज्ज्वल वर्णन किया है। एक अत्युत्तम कारीगरी के नमूने की तरह विष्णु की प्रस्तर प्रतिमा गढ़ित है। यह लगभग 7 फीट ऊंची है जो चार महिला आकृतियों द्वारा उठाया हुआ है। पंख सहित एक पीतल की एक अन्य प्रतिमा भी है जो ब्राह्मणों का जनेऊ धारण किये हुए है, जिसे कुछ लोग बैक्ट्रीयाई ग्रीक कारगरी होना मानते हैं। 2 फीट ऊंची गणेश की प्रतिमा अच्छी तरह गढ़ी एवं चमकीली है। मंदिर में लक्ष्मी, भगवान राम, लक्ष्मण, जानकी, कुबेर, गरूड़ और श्री बद्रीनाथ की मूर्तियां भी हैं।




यह है मान्यता: 

भगवान नृसिंह से सम्बंधित मान्यता है कि  इनकी बायीं भुजा की कलाई धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। जिस दिन कलाई टूटकर अलग हो जाएगी, उस दिन विष्णुप्रयाग के पास पटमिला में जय-विजय पर्वत आपस में मिल जाएंगे। तब भगवान बदरी विशाल भविष्य बदरी में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। यह भी मान्यता है कि जोशीमठ में भगवान नृसिंह के दर्शनों के बाद ही बदरीनाथ यात्रा को पूर्ण माना जाता है।

 

लेख शेयर करे
Continue Reading
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

More in अल्मोड़ा

Trending

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Uttarakhand: new Kumaoni Jhoda Chanchari song Motima by deepa nagarkoti crossed 3 lakh views.
Uttarakhand: Comedian Ganesh Bhatt performance in new Kumaoni song 'Lagchai Pahadan' of Manoj Arya. Manoj Arya New song
Rohit Chauhan song patwari
Uttarakhand: Bedu also started becoming extinct gradually, remained limited till Pako Baramasa. bedu pako baramasa
Uttarakhand: Singer Akanksha Ramola latest beautiful Garhwali song 'Bwari Kya hwe Bimari' went viral.
Uttarakhand: singer Mamta Arya and Manoj Kumar latest new Pahari kumaoni song 'Ravat Ku Pakalo' released. Mamta Arya latest song
Uttarakhand: new kumaoni pahari song 'Amal Bidi Ka' released by singer Mamta Arya and Mahesh Kumar 2023.

Title

To Top