
वैसे तो हम आपको उत्तराखण्ड की हर बेटी की सफलता की कहानी से रूबरू कराते रहते है लेकिन आज एक ऐसी बेटी सुर्खियों में है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मूल रूप से चम्पावत जिले के ग्राम रैघांव बाराकोट निवासी एडवोकेट मदन सिंह महर अधिकारी की पुत्री सोमिका अधिकारी ने सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर चयनित होकर अपने माता पिता के साथ साथ अपने जिले को भी गौरवान्वित किया है।
मूल शिक्षा और आगे की पढाई – पिथौरागढ़ जिले से बीएससी की पढाई पूरी करने के बाद सोमिका ने कुमाऊं विश्वविद्यालय अल्मोड़ा से कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2008 में ही सोमिका का चयन पुलिस उप निरीक्षक के लिए हो गया लेकिन सोमिका का सपना बड़ा अफसर बनकर कार्य करने का था। वर्ष 2012 में ही उनका चयन सहायक अभियोजन अधिकारी पद के लिए हो गया था, लेकिन कुछ तकनिकी खामियों की वजह से हाईकोर्ट द्वारा चयनित सभी अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी। सोमिका अपने लक्ष्य से नहीं डगमगाई और फिर से वर्षं 2016 में सहायक अभियोजन अधिकारी मुख्य परीक्षा दी जिसमे उन्होंने पुरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्तमान में सोमिका देहरादून पुलिस मुख्यालय में उप निरीक्षक के पद पर तैनात है।
फोटो स्रोत-उत्तराखण्ड पुलिस सोशल मीडिया

"मंजिल मिल ही जाती है भटकते ही सही गुमराह तो वो है जो घर से निकलते ही नहीं"
उपरोक्त पंक्तिया उत्तराखण्ड की बेटी सोमिका अधिकारी के लिए एकदम सटीक बैठती है जो अपने नाम में ही अधिकारी नहीं है वरन अपने बुलंद होसलो और जज्बे से एक उच्च पदाधिकारी बनी है। देवभूमि दर्शन की पूरी टीम की ओर से सोमिका को बहुत बहुत बधाई।