Uttarakhand panchayat elections Highcourt : उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर अभी भी संशय बरकरार, कल होगी अगली सुनवाई, हाई कोर्ट ने कहा हमारी मंशा पंचायत चुनाव टालना नहीं नियमों का पालन करना जरूरी है...
Uttarakhand panchayat elections Highcourt : उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते पंचायत चुनाव मे आरक्षण को लेकर आज गुरुवार को भी दायर याचिकाओ पर सुनवाई जारी रही जो न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई जिसे सरकार की ओर से आरक्षण का रोस्टर कोर्ट में पेश किया गया जिसकी अगली सुनवाई अब आगामी शुक्रवार को होनी तय हुई है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता योगेश पचौलिया ने कोर्ट को अवगत कराते हुए कहा कि राज्य सरकार की जिस गलती के कारण पंचायत चुनाव का पेंच फंसा हुआ है उस आरक्षण को लेकर गठित समर्पित एकल आयोग की रिपोर्ट के बहाने पंचायत चुनाव को लंबे समय तक टाला गया है। वहीं आयोग ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है जबकि उसे पब्लिक डोमेन में आना चाहिए था जिसके चलते अब अगली सुनवाई 27 जून को होनी प्रस्तावित हुई है। 9 जून को जारी नियम और उसके बाद बने आरक्षण रोस्टर को सही साबित करने का तर्क रखने की बात कही गई है। 9 जून को जारी रूल्स बीते 14 जून को गजट नोटिफाई हो गया था लेकिन इन तर्को को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने आगे की सुनवाई आज दोपहर 1:00 बजे की जिस पर याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है ।
जाने क्या कहा हाई कोर्ट ने
बताते चले हाई कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा है कि उनका उद्देश्य पंचायत चुनाव टालना नहीं बल्कि नियमों का पालन आवश्यक रूप से करना है। जिसके तहत उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम और संविधान के अनुच्छेद 243 टीडी और अन्य उल्लेख आरक्षण में अनिवार्य रूप से रखा गया है जो संवैधानिक बाध्यता है। जानकारी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग रिपोर्ट के बाद आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना एकमात्र विकल्प माना गया जिसकी नियमावली का गजट 14 जून को जारी कर दिया गया था। सरकार की ओर से चुनाव प्रक्रिया पर आरक्षण से संबंधित रोक हटाने का अनुरोध किया गया लेकिन प्रक्रिया पूरी न होने तक यह रोक बरकरार रहने वाली है। 14 जून को गजट नोटिफिकेशन होने के बाद में सचिवालय समेत अन्य संस्थाओं ने इसकी जानकारी नहीं थी जिसके कारण एक गलती पर पूरा पंचायत चुनाव अधर में लटक गया है।
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