‘मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन, आवाजों के बाजारों में, खामोशी पहचाने कौन।’ निदा फाजली की ये पंक्तिया उन पर सटीक बैठती हैं जो भारत में आजादी के छह दशक बाद भी अपनी क्षुधा शांति के लिए भिक्षावृत्ति जैसी कुप्रथा में लगे हैं। 21 वीं सदी तक भी यह दाग देश के माथे से नहीं मिट पाया। हजारों करोड़ों की सरकारी योजनाएं भी इससे छुटकारा नहीं दिला पाईं। आज भी देश में लाखों की संख्या में लोग इस तरह की कुप्रथा में लगे हैं। करें भी तो क्या पेट भरने और जिंदा रहने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा, चाहे मजबूरी बस वह भिक्षावृत्ति ही क्यों न हो अपनी जीविका का रास्ता निकालना ही पड़ेगा।
पहाड़ के युवा ने समझा नंगे पाँव चलकर भिक्षावृत्ति करते बच्चो का दर्द : पिथौरागढ़ शहर के निवासी अजय ओली ने २२ वर्ष की उम्र में जब भिक्षावृत्ति करते बच्चो को देखा तो ये दृश्य उनके ह्रदय को झकझोर कर बैठा , और उनका ह्रदय ऐसा द्रवित हुआ की उन्होंने भी जूता चप्पल फेंककर इन असहाय बच्चो की तरह चलना शुरू कर दिया। इन गरीब बच्चो को भिक्षावृत्ति और बालश्रम से निजात दिलाने के लिए अजय अब तक 9300 किमी की पैदल यात्रा तय कर चुके है। बता दे की बच्चो के उत्थान को लेकर कार्य कर रहे अजय ओली मोटिवेशनल काउंसलर है। अजय पिथौरागढ़ के अलावा हल्द्वानी और बरेली में युवाओ को जागरूक करने के लिए लेक्चर देते है। इसके साथ ही बच्चो की शिक्षा के लिए भी वो अभियान शुरू कर चुके है।
यह भी पढ़े –देवभूमि की बेटी देवेश्वरी बिष्ट, इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ ट्रेकिंग से स्वरोजगार की अलख जगा रही है
मूल शिक्षा और चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी बनाने की योजना : मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी अजय ओली के पिता गिरीश ओली भारतीय सेना के पूर्व सैनिक है। अजय ने लखनऊ से मूल शिक्षा प्राप्त की और होटल मैनेजमेंट करने के बाद वर्ष 2014 में भिक्षावृत्ति और बालश्रम पर शोध करने के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई शहरो में जब बच्चो को भिक्षावृत्ति करते देखा तो उनका ह्रदय पिघल गया , जिसके बाद उन्होंने खुद 22 वर्ष की उम्र में 29 सितम्बर 2015 को जूते- चप्पल त्याग कर नंगे पैर चलना शुरू कर दिया। इसी वर्ष उन्होंने घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी बनाकर गरीब बच्चो की शिक्षा के लिए अभियान चलाने शुरू कर दिए। पिथौरागढ़ जिले की अग्रणी सामजसेवी संस्था घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा चलाये जा रहे उन्मुक्त कार्यक्रम के तहत मजदूरी करने वाले व कूड़ा बीनने वाले , गरीब , असहाय बच्चो को शिक्षा दी जा रही है।
देवभूमि दर्शन मीडिया से खाश बात चित: देवभूमि दर्शन मीडिया से बात चित में अजय ओली ने बताया की निशुल्क शिक्षा के लिए 13000 से अधिक बच्चो को शिक्षा केन्द्रो के माध्यम से निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उनके संस्था में बच्चो के शिक्षा , खान -पान व स्वास्थ्य जैसी तमाम बुनियादी जरूरतें मुहैया कराई जा रही है। अजय कहते है उनका उदेश्य पूरे भारत से ऐसे गरीब , व असहाय बच्चो को मदद कर उनका भविष्य सवारना है।
आपको भी अपने समाज में अगर कोई ऐसे असहाय बच्चे नजर आते है तो आप भी मोटिवेशनल काउंसलर अजय ओली से सम्पर्क कर सकते है।
कांटेक्ट नंबर- 9690609937, 7525838880