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उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल

उत्तराखण्ड : पहाड़ में दुल्हनिया लाने के लिए दुल्हे राजा ने पहले बारिश में हटाया मलबा

Uttarakhandi groom: सड़क मार्ग अवरूद्ध होने के कारण दूल्हे को बारातियों संग साफ करना पड़ा मलबा, अन्य यात्रियों ने कैमरे में कैद की तस्वीरें..

वक्त कब किस तरफ मोड़ ले कुछ कहा नहीं जा सकता। वैसे भी बरसात के मौसम में तो उत्तराखण्ड के पर्वतीय इलाकों में कुछ भी संभव है, इस दौरान आपको सड़क पर भी रात गुजारनी पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि पहाड़ों में बरसात में सड़क पर मलबा आना आम बात है जिससे क‌ई बार सड़क पर यातायात भी बाधित हो जाता है। क‌ई बार तो घर जल्दी पहुंचने की चाह में यात्रियों को भी सड़क से मलबा साफ करते हुए देखा जा सकता है। अब ऐसी ही एक खबर राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले से आ रही है जहां एक दूल्हे (Uttarakhandi groom) को दुल्हन के घर पहुंचने के लिए बारातियों के साथ सड़क पर आया मलबा साफ करना पड़ा। दूल्हे राजा को दुल्हन के घर पहुंचने के लिए ऐसी कड़ी मेहनत करना शायद अपने आप में पहली घटना रही हो तो तभी तो सड़क मार्ग से यात्रा करते अन्य यात्री इस दृश्य को तस्वीरों में कैद करना नहीं भूले। बारातियों संग दूल्हे द्वारा करीब डेढ़ घंटे तक की गई कड़ी मशक्कत के बाद ही रास्ता खुल पाया, जिससे बारात दुल्हन के घर काफी देरी से पहुंची और बारात को वापस दूल्हे के घर आने तक रात के एक बज गए।
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मलबा हटाने के चक्कर में डेढ़ घंटे तक कड़ी मशक्कत करते रहे दूल्हे राजा, वापसी में रात को एक बजे पहुंचे अपने घर:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर विकासखंड के लोस्तु बडियारगढ़ क्षेत्र के रिंगोली मल्ली गांव निवासी दिग्विजय सिंह कंडारी की बीते मंगलवार को शादी थी। बारात को दुल्हन लेने चमोली जिले के पोखरी गांव जाना था। दुल्हन का घर काफी दूर होने के कारण बारात दूल्हे के घर से मंगलवार सुबह सात बजे ही निकल गई। लेकिन अभी बारात घर से करीब 10 किमी दूर धुरेट गांव के पास ही पहुंची होगी कि भारी बारिश के कारण सड़क पर मलबा आ जाने से सड़क मार्ग अवरूद्ध पड़ा था। बताया गया है कि कोरोना के कारण दूल्हे (Uttarakhandi groom) के साथ केवल 14 बाराती ही बारात में शामिल हुए थे। सड़क मार्ग अवरूद्ध देखकर वे सभी अपनी गाड़ियों से उतरकर सड़क से मलबा हटाने लगे‌। इस कार्य में बारातियों का साथ दूल्हे ने भी दिया। सभी के अथक प्रयासों से करीब डेढ़ घंटे बाद सड़क मार्ग यातायात के लिए खुल पाया। जिसके बाद ही बारात दुल्हन के घर के लिए रवाना हुई और दोपहर के करीब दो बजे दुल्हन के घर पहुंची। जिसका परिणाम यह हुआ कि बारात को वापसी में दूल्हे के घर पहुंचते-पहुंचते रात के एक बज गए। इन दिनों यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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