उत्तराखण्ड (Uttarakhand) कैडर के एक और आईएएस अधिकारी को मोदी सरकार ने दी अहम जिम्मेदारी, आईएएस अधिकारी डी सैंथिल पांडियन (IAS Senthil Pandian) बनाए गए केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव..
यह सर्वविदित तथ्य है कि मोदी सरकार के पसंदीदा अधिकारियों की सूची में उत्तराखण्ड के सच्चे, ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ वाशिंदों का स्थान सर्वोपरि है। यह बात जहां मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साफ नजर आई थीं वहीं सरकार के दूसरे कार्यकाल यानी वर्तमान में भी इसकी झलक देखने को मिल रही है। आज फिर समूचे उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाली ऐसी ही एक और खबर राजधानी दिल्ली से आ रही है। इस खबर के अनुसार उत्तराखण्ड (Uttarakhand) कैडर के 2002 बैच के आईएएस अधिकारी डी सैंथिल पांडियन (IAS Senthil Pandian) को केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। जी हां.. आईएएस अधिकारी डी सैंथिल पांडियन को केन्द्र सरकार की ओर से आयुष मंत्रालय का नया संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है। बताया गया है कि यहां वह भारतीय वन सेवा में 1988 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारी रोशन जग्गी का स्थान लेंगे। उनके साथ ही 19 अन्य आईएएस अधिकारियों को भी केन्द्र सरकार ने अलग-अलग विभागों में संयुक्त सचिव नियुक्त किया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड कैडर के 2002 बैच के आईएएस अधिकारी डी सैंथिल पांडियन को केन्द्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए संयुक्त सचिव बना दिया है। केंद्रीय कार्मिक विभाग की ओर से जारी 20 नवनियुक्त संयुक्त सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों की सूची के अनुसार पांडियन को आयुष मंत्रालय का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है। बता दें कि पांडियन अभी तक भी उत्तराखंड सरकार के आयुष विभाग में सचिव के पद पर तैनात थे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उन्हें उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की देखभाल की व्यवस्था के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी दी गई थी। वह इससे पहले 2016 में कुमाऊं आयुक्त के पद पर भी रह चुके हैं। इसी दौरान उन्होंने राज्य के सबसे चर्चित एनएच 74 घोटाले को उजागर किया था। बताते चलें कि संयुक्त सचिव स्तर के इन आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने भी हाल ही में हरी झंडी दे दी थी। जिसके बाद केन्द्रीय कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए। ये सभी आईएएस अधिकारी केंद्रीय मंत्रालय में 5 साल की अवधि या अग्रिम आदेशों तक कार्य करेंगे।
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