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Uttarakhand news: education minister Arvind Pandey will took action against private schools taking unnecessary fees

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उत्तराखंड :अनावश्यक शुल्क लेने वाले प्राइवेट स्कूलों की खैर नही अब होगी कार्रवाई

उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार अनावश्यक शुल्क लेने वाले प्राइवेट स्कूलों पर करेगी कार्रवाई, शिक्षा मंत्री (Education Minister) अरविंद पांडे ने एक कार्यक्रम के दौरान कहीं सख्ती से पेश आने की बात..

बीते एक वर्ष से वैश्विक महामारी कोरोना से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कोरोना की सबसे अधिक मार बच्चों की पढ़ाई पर पड़ी है। मैदानी क्षेत्रों में तो फिर भी स्कूलों द्वारा आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है जिससे बच्चे लाभान्वित तो जरूर हो रहे हैं परन्तु उनमें शारीरिक क्षमताओं का विकास नहीं हो पा रहा है उधर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में तो नेटवर्क, बिजली आदि के कारण आनलाइन पढ़ाई भी संभव नहीं हो पा रही है। ऐसे में जहां तमाम अध्यापक घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं वहीं राज्य (Uttarakhand) में कुछ निजी विद्यालय ऐसे भी हैं जो इस कठिन समय में भी अभिभावकों को बच्चों की पूरी फीस जमा करने को बाध्य कर रहे हैं। अब उत्तराखण्ड सरकार ऐसे विद्यालयों पर कार्रवाई करने जा रही है। इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे (Education Minister) का कहना है कि निजी विद्यालयों में कोरोना के विपरित दौर में अनावश्यक शुल्क लिए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस समय निजी विद्यालयों को अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने का आदेश सरकार द्वारा जारी किया गया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बीते रोज नैनीताल में एक कार्यक्रम के दौरान कोविड के दौर में अनावश्यक शुल्क लेने वसूलने वाले विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की बात कही है। इतना ही नहीं कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड में फीस एक्ट लागू करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि निजी विद्यालयों में फीस की अनियमितताओं को दूर करने के लिए प्रदेश में जल्द ही फीस एक्ट लागू किया जाएगा। कैबिनेट में पारित होने के बाद शीघ्र ही इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। जिससे जहां गरीब परिवारों को लाभ होगा वहीं मध्यम वर्ग के लोगों की जेब पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ भी निश्चित रूप से कम होगा और निजी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने के उत्सुक अभिभावक किफायती दरों‌ पर बच्चों की अच्छी शिक्षा का प्रबंध कर सकेंगे।

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