मात्र 25 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पहुंचा जा सकेगा, केदारनाथ रोपवे(Kedarnath Ropeway) होगा विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल
जून 2013 की उस घड़ी को भला कौन भूल सकता है जिसने विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में भीषण तबाही मचाई थी। इस आपदा में मंदिर के अतिरिक्त केदारनाथ(Kedarnath) धाम क्षेत्र पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके पुननिर्माण का जो सपना देखा था वह आज धीरे-धीरे हकीकत में तब्दील हो रहा है। एक ओर जहां पुननिर्माण के बाद यहां की यात्रा पहले से अधिक आसान हो गई है वहीं दूसरी ओर अब सरकार इससे और भी अधिक सरल एवं सहज बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। भविष्य में सरकार का यह सपना भी सार्थक होता हुआ नजर आ रहा है। यह सब कुछ संभव हो पाएगा सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक बनने वाले रोपवे के जरिए। जी हां.. 11.5 किलोमीटर की लम्बाई वाले इस रोपवे(Ropeway) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं सरकार की योजना केदारनाथ धाम के साथ ही हेमकुंड साहिब के लिए भी रोपवे का निर्माण कराने की है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक बनने वाले रोपवे की डीपीआर तैयार की जा रही है। बता दें कि इस प्रस्तावित रोपवे की लंबाई जहां लगभग 11.5 किलोमीटर होगी वहीं इसके जरिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक महज 25 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। इतना ही नहीं निर्मित होने के बाद यह प्रस्तावित सोनप्रयाग- केदारनाथ रोपवे विश्व के सबसे लंबे रोपवे में भी शामिल हो जाएगा। इससे न केवल श्रृद्धालुओं को गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक की लगभग 16 किलोमीटर पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी जिससे उनका सफर आरामदायक और सहज होगा वहीं उनकी यात्रा भी पहले से कम समय में पूरी हो सकेगी। बताते चलें कि प्रदेश में रोपवे निर्माण के मद्देनजर सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एमओयू किया हुआ है और प्राधिकरण ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के रोपवे निर्माण के लिए डीपीआर बनाने का जिम्मा एक कंपनी को सौंपा है। इसके अतिरिक्त रोपवे निर्माण के लिए भी निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी है।