Raveena Thakur Himachal Taxi: कमजोर आर्थिक स्थिति और विपरीत परिस्थितियों से भी नहीं मानी हार, एक सफल टैक्सी ड्राइवर के रूप में रविना ने बनाई पहचान…
विषम एवं विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए भी पहाड़ की महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अब तक घर के चूल्हा चौकी तक सीमित रहने वाली पहाड़ की महिलाएं भी अब हर दिशा में कदम बढ़ाकर पुरूषों के कंधे से कंधा मिला रही है। वो ब्लागिंग कर रही है, अपना स्वरोजगार कर रही है और दुकान भी चला रही है। आज हम आपको पहाड़ की एक और ऐसी ही महिला से रूबरू कराने जा रहे हैं जो एक ट्रैक्सी चालक के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की रहने वाली रविना ठाकुर की, जो आज अपनी लगन और मेहनत के बलबूते देश प्रदेश की अन्य महिलाओं की प्रेरणास्त्रोत बन गई है। सबसे खास बात तो यह है कि उनकी इस पहल के लिए बीते वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नारी शक्ति सम्मान पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
(Raveena Thakur Himachal Taxi)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली क्षेत्र के जोगिंद्रनगर गांव की रहने वाली रविना ठाकुर एक टैक्सी चालक है। बता दें कि महज 25 वर्ष की उम्र में आज एक सफल टैक्सी चालक के रूप में अपनी पहचान बना चुकी रविना ने पिता के देहांत के बाद परिवार के भरण पोषण के लिए टैक्सी चलाने का निर्णय लिया था। अपनी मां के आशीर्वाद और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वह आज पंजाब, हरियाणा, वृंदावन और दिल्ली तक अपनी टैक्सी से सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा चुकी है। विपरित परिस्थितियों से जूझते हुए अपनी ऊंचे सपनों को साकार करने में जुटी रविना कहती हैं कि उनके सामने आई विषम परिस्थितियों और कमजोर आर्थिक परिस्थिति ने उन्हें कभी कमजोर नहीं किया बल्कि मन में कुछ नया एवं बड़ा करने का इरादा लिए वह हमेशा आगे बढ़ती रही। रविना का कहना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता, मजबूरी इंसान से कुछ भी करा सकती है इसलिए हमें सदैव अपने काम को करने एवं अपने सपनों को साकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
(Raveena Thakur Himachal Taxi)