Manisha Rawal Bageshwar: मनीषा ने उड़ीसा में आयोजित हुई राष्ट्रीय कला उत्सव में किया था प्रतिभाग, खेल खिलौना विधा में हासिल किया प्रथम पुरस्कार…
विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के दूरस्थ गांव भले ही अभी भी विकास से कोसों दूर हों परन्तु राज्य के इन गांवों में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इन प्रतिभाओं को इंतजार हमेशा से मंच मिलने का रहता है। इस बात को एक बार फिर सही साबित कर दिखाया है राज्य के बागेश्वर जिले के दूरस्थतम सलानी गांव की रहने वाली मनीषा रावल की, जिसने राष्ट्रीय कला उत्सव ‘माइण’ में खेल खिलौना विधा में न केवल प्रतिभाग किया बल्कि अपने हुनर का शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार भी हासिल कर लिया है। मनीषा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। समूचे देश में उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाने वाली मनीषा की इस उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
(Manisha Rawal Bageshwar)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले की सीमा से लगे लाहुरघाटी के एकमात्र जीआईसी सलानी में पढ़ने वाली कक्षा 9वीं की छात्रा मनीषा रावल ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कला उत्सव में खेल खिलौना विधा में प्रथम पुरस्कार हासिल कर लिया है। बता दें कि इस प्रतियोगिता का आयोजन बीते 3 जनवरी से 7 जनवरी तक उड़ीसा में किया गया था। जिसमें देशभर में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं के 715 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। बताते चलें कि इस कला उत्सव के दौरान मनीषा ने काष्ट कला से बनाए यज्ञ की सामग्री और बच्चों के खिलौने प्रस्तुत किए, जो कि मनीषा ने स्वयं ही तैयार किए थे। उनके द्वारा प्रदर्शित किए गए इन काष्ठ कला उत्पादों का आयोजकों द्वारा खासा पसंद किया है। जिस कारण इस विधा में मनीषा ने प्रथम स्थान हासिल किया। अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय मनीषा ने अपने माता पिता एवं अपने शिक्षक डॉक्टर हरीश दफौटी को दिया है। शिक्षक हरीश के मार्गदर्शन में ही मनीषा ने यह खिलौने तैयार किए थे।
(Manisha Rawal Bageshwar)
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