समूचे देश प्रदेश को गौरवान्वित करने वाली एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जी हां… रोड टू यूएफसी में लाइटवेट कॉम्पटीशन में उत्तराखण्ड के अंशुल जुबली ने न सिर्फ शानदार प्रदर्शन कर टूर्नामेंट जीत लिया है बल्कि प्रतियोगिता जीतकर यूएफसी कॉन्ट्रेक्ट भी हासिल कर लिया है। सबसे खास बात तो यह है कि ऐसा करने वाले वह दूसरे भारतीय भी बन गए हैं। बता दें कि उनसे पहले भरत खंडारे को ये कॉन्ट्रेक्ट मिला था। इतना ही नहीं इन दोनों के अतिरिक्त अभी तक कोई अन्य खिलाड़ी इस कांट्रेक्ट को हासिल नहीं कर पाया है। बात फाइनल मुकाबले की करें तो अंशुल ने इंडोनेशिया के जेका सारागिह को मात देकर यह मुकाम हासिल किया है। इस टूर्नामेंट में उन्होंने अपने पंचों की ऐसी बरसात की, जिससे पूरा मैच महज दो राउंड में ही खत्म हो गया और भारतीय फाइटर ने इस मुकाबले के साथ ही रोड टू यूएफसी में लाइटवेट कॉम्पटीशन भी जीत लिया।
(Indian fighter Anshul Jubli)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पहाड़ की बेटी ने समुंदर पार जाकर जीता बॉक्सिंग में गोल्डन गर्ल का खिताब
आपको बता दें कि भारत के उभरते MMA फाइटर अंशुल जुबली, मूल रूप से राज्य के उत्तरकाशी जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता बीएसफ के रिटायर्ड अफसर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बचपन में ज्यादा वजन होने की वजह से अपने आप को फिट रखने के लिए वह कसरत किया करते थे परन्तु इसी से धीरे धीरे उनकी रुचि खेलों के तरफ हो गई और उन्होंने फुटबाल और वॉलीबाल जैसे खेल खेलने चालू कर दिए। हालांकि ग्रेजुएशन के समय अंशुल अपनी पिता की तरह आर्मी में शामिल होने के लिए CDS की तैयारी करने लगे। इसके अतिरिक्त धीरे धीरे उन्होंने देहरादून में एमएमए सीखना चालू कर दिया. हालांकि तब उनका सपना फाइटर बनने का बिल्कुल भी नहीं था। इसके बारे में खुद अंशुल जुबली कहते हैं कि एमएमए सीखना उन्होंने इसलिए शुरू किया था ताकि उन्हें आर्मी में शामिल होने में मदद मिले। परंतु धीरे धीरे उन्हें फाइटर बनने की ललक लग गई और उन्होंने MMA में भारत को पहचान दिलाने का सपना देख लिया है। जिसे आज अपनी कड़ी मेहनत, लगन और काबिलियत के बलबूते उन्होंने पूरा भी कर दिखाया है
(Indian fighter Anshul Jubli)
यह भी पढ़ें- अल्मोड़ा: असुविधाओं के बीच डाक्टर ने महिला के पेट से निकाला 8kg का ट्यूमर हो रही तारीफ