Saheed arvind rawat rudraprayag: ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे अरविंद, सेना की 17 गढ़वाल राइफल्स में थे तैनात, तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह देखकर बेसुध हुए परिजन….
रूद्रप्रयाग जिले के बडमा पट्टी क्षेत्र के स्वाड़ा गांव निवासी भारतीय सेना के जवान अरविंद सिंह रावत शनिवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। इससे पहले जैसे ही सेना के जवान अरविंद की पार्थिव देह को लेकर उनके पैतृक गांव पहुंचे तो परिजनों के भारी रूदन क्रंदन से समूचे क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। जवान बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर जहां उनके 80 वर्षीय बूढ़े पिता कुंवर सिंह रावत और मां बदहवास होकर नियति के इस क्रूर खेल को समझने का प्रयास करने लगे वहीं जवान अरविंद की पत्नी राखी रावत और 8 वर्षीय मासूम बेटी आरोही रोते बिलखते पिता की पार्थिव देह से लिपट गई। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद मंदाकिनी के तट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अरविंद के भाई हनुमंत सिंह एवं राजमोहन सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान उमड़े विशाल जनसैलाब ने मां भारती के इस वीर सपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
(Saheed arvind rawat rudraprayag)
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गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के बडमा पट्टी के स्वाडा गांव निवासी अरविंद सिंह रावत मां भारती की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। बता दें कि वर्ष 2002 में भारतीय सेना में भर्ती होने वाले अरविंद वर्तमान में सेना की 17 गढ़वाल राइफल्स में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में तैनात थे। बताया गया है कि बीते 8 जून को ड्यूटी के दौरान एकाएक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था। जिस पर सेना के अधिकारियों ने उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उपचार के दौरान वह जिंदगी और मौत के बीच की यह जंग हार गए और उन्होंने अंतिम सांस ली। सेना की ओर से जैसे ही अरविंद के परिजनों को यह दुखद खबर दी गई तो परिवार में कोहराम मच गया था।
(Saheed arvind rawat rudraprayag)
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