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Sandeep semwal of tehri garhwal uttarakhand Marriage with
फोटो: सोशल मीडिया

उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल

उत्तराखंड: पहाड़ी लड़के ने हिंदू रीति रिवाज के साथ यूरोपियन लड़की से पहाड़ में रचाई शादी

foreigner marriage Uttarakhand: पहाड़ी लड़के पर आया दिल, तो सात समुंदर पार से उत्तराखंड पहुंची यूरोप की रिबिका, मीरा बनकर लिए टिहरी के संदीप के साथ सात फेरे…

foreigner marriage Uttarakhand यह सर्वविदित तथ्य है कि उत्तराखंड की हसीन वादियों के साथ ही यहां की सभ्यता संस्कृति और रीति रिवाज हमेशा से ही देश विदेश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। यहीं कारण है कि जहां देश विदेश के क‌ई लोग उत्तराखण्ड आकर यहीं के होकर रह गए हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह के अटूट बंधन में बंधकर यहां की सभ्यता एवं संस्कृति को अपनाया है। वैसे भी यह कहा जाता है कि प्यार जब सच्चा होता है तो कोई भी जाति पाति, धर्म, मजहब, देश विदेश की सीमाएं जैसे अनेकों बंधन मायने नहीं रखते। यह बात को एक बार फिर राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले में हुई एक अनोखी शादी में उस वक्त सही साबित हो गई जब यूरोपियन लड़की ने टिहरी के युवक के साथ सात समुंदर पार आकर शादी रचाई है। जी हां बात हो रही है यूरोप के स्लोवाकिया देश की रिबेका और टिहरी के जाखणी चामासौड़ निवासी संदीप सेमवाल की, जिन्होंने बीते दिनों हिंदू रीतिरिवाज के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में सात फेरे लिए है। इतना ही नहीं शादी से पूर्व रिबेका ने हिन्दू धर्म ग्रहण किया है और अब वह मीरा सेमवाल बन गई है।
(foreigner marriage Uttarakhand)
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Sandeep semwal Marriage tehri
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के जाखणी चामासौड़ निवासी संदीप सेमवाल पेशे से एक योग शिक्षक हैं। बताया गया है कि वह 11-12 साल की उम्र में ही ऋषिकेश के भरत मिलाप आश्रम चले गए थे, जहां उनके गुरु स्वर्गीय स्वामी रामकृपालु ने उन्हें योग और हिंदू धर्म की शिक्षा दी। अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने के उपरांत वह ऋषिकेश के ही एक स्कूल में योग की शिक्षा देने लगे। इसी दौरान वर्ष 2018 में उनकी मुलाकात यूरोप की रिबेका से हुई, जो उन दिनों योग की शिक्षा लेने उनके गुरु स्वामी रामकृपालु के पास ऋषिकेश आई थी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान स्वामी रामकृपालु ने ही रिबेका को मीरा नाम दिया और दोनों के समक्ष एक-दूसरे से विवाह का प्रस्ताव रखा था। दोनों ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था परंतु कोरोना और फिर गुरु के निधन के चलते उनका विवाह नहीं हो पाया। जिसके बाद बीते दिनों रिबिका एक बार फिर उत्तराखण्ड की हसीन वादियों में पहुंची और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में संदीप के साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी की। इस दौरान वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने नवदंपति को अपना आशीर्वाद दिया। दोनों की यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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