Shewta Mahara Troll video: अपने वायरल विडियो से लोगों के निशाने पर आईं श्वेता, अमर्यादित शब्दों के चयन से हो रही बायकॉट करने की बातें, भू कानून पर कसा था तंज, अब दे रही सफाई….
‘जल जंगल और जमीन’ इसी नारे की बुनियाद पर जहां उत्तराखण्ड अलग राज्य आंदोलन लड़ा गया था वहीं इन दिनों इसी मुद्दे पर उत्तराखंड में एक और जनआंदोलन सुलग रहा है। जी हां… यह मुद्दा है मूल निवास और सशक्त भू कानून का, जिसको लागू करने सहित कई अन्य मांगों को लेकर इन दिनों उत्तराखण्ड के युवा आंदोलनरत हैं। युवाओं के इस आंदोलन को जहां विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है जिनमें पहाड़ के कई लोक कलाकार, गायक भी शामिल हैं वहीं कुछ ऐसे कलाकार भी हैं जिन्हें जनता से तो अपने लिए समर्थन चाहिए होता है परन्तु जन मुद्दों की बात आते ही या तो उनकी जुबां पर चुप्पी सध जाती है या फिर ऐसी उटपटांग बातें सुनने को मिलती है जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होती। ऐसी ही एक शख्शियत है क्रीम पाउडर जैसे गीतों से उत्तराखंड के लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाली श्वेता महारा, जिनका एक विडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
बता दें कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री श्वेता महारा ने सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल इस विडियो में कहा है कि ‘क्या करोगे इस भू कानून का, इन रैलियों का कोई फायदा नहीं है पहले महिलाओं की इज्जत करना सीखो।’ इसके साथ ही वह यह भी कहते हुए दिख रही है कि ‘वे लोग नल्ले हैं जो रैलियों में शामिल होते हैं।’ जिसके बाद से वह सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही है। यहां तक कि लोग उन्हें और उनके कार्यक्रमों को बायकाट करने तक कि बात भी कह रहे हैं। हम यह तो नहीं जानते कि श्वेता ने अपनी यह बातें किन परिस्थितियों को देखते हुए कही है। परंतु ट्रोल होने के बाद उनका प्रतिउत्तर भी आ गया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरी वीडियो को एडिट किया गया है, इसके साथ ही उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लाइव आकर इस पूरे मामले में अपनी सफाई भी दी है। अगर यह भी मान लिया जाए कि विडियो एडिट किया गया हैं फिर भी इतना तो तय है कि विडियो में उनके द्वारा जो अशोभनीय शब्द बोले गए हैं वह किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराए जा सकते। एक कलाकार होने के बावजूद सार्वजनिक मंचों पर इस तरह के शब्दों का चयन उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। उनके द्वारा चयनित शब्द यह भी दिखाते हैं कि उनकी भाषा शैली कैसी है। ऐसे में आम जनमानस को सोचने को मजबूर होना पड़ता है कि हम किसको सपोर्ट कर रहे हैं। क्या हम जिसका समर्थन कर रहे हैं वह इस लायक है? यह भी पढ़ें- उत्तराखंड की मशहूर अदाकारा श्वेता महारा की बॉलीवुड में होगी बड़ी एंट्री …..
एक जानी मानी अभिनेत्री एवं कलाकार श्वेता को यह समझना होगा कि थोड़ी सी दौलत शौहरत पा लेने से यदि आप अपने शब्दों की गरिमा को भूल जाएं, तो जिन लोगों ने आपको इतना सम्मान दिया है, अपने दिलों में जगह दी है, उसे आपको नीचे गिराने में भी ज्यादा देर नहीं लगेगी। एक कलाकार होने के नाते श्वेता को यह भी समझना होगा कि सार्वजनिक मंचों पर बोलने से पहले उन्हें हजार बार सोचना चाहिए क्योंकि आपसे उत्तराखंड ही नहीं अन्य राज्यों के लोग भी जुड़े रहते हैं जिससे प्रदेश की छवि धूमिल होती है। वैसे भी एक कलाकार को हमेशा ही मर्यादित तरीके से ही बोलना चाहिए क्योंकि उनका एक-एक शब्द लोगों को प्रभावित करता है, राज्य के जिन युवाओं के लिए उनके द्वारा अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया गया है, वह वहीं युवा पीढ़ी है, जो उनके द्वारा अभिनीत गीतों को सर्वाधिक देखती है। ऐसे में श्वेता को यह भी समझना चाहिए आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से छोटे छोटे बच्चें भी जुड़े हैं। क्या उन्होंने इस बारे में विचार करना उचित नहीं समझा होगा कि उनके इन अशोभनीय शब्दों से राज्य के बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। मूल रूप से उत्तराखण्ड की होने के नाते आप जैसे प्रसिद्ध लोग देश के दूसरे राज्यों में भी उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में क्या आपकी इन अशोभनीय बातों से पूरे प्रदेश की छवि धूमिल नहीं होती है????